Jitendra Narain: अंडमान के पूर्व चीफ सेक्रेटरी के घर लाई गई थीं 20 महिलाएं, SIT को ‘जॉब फॉर सेक्स’ रैकेट का शक

जितेंद्र नारायण के खिलाफ गैंगरेप और यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी को सेक्स रैकेट के अहम सुराग मिले हैं। अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यह सबूत जॉब फॉर सेक्स रैकेट की ओर इशारा करते हैं।

Jitendra Narayan IAS
जितेंद्र नारायण (फाइल फोटो)

पोर्ट ब्लेयर: गैंगरेप और यौन शोषण के आरोपों से घिरे अंडमान-निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण और श्रम आयुक्त आरएल ऋषि की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दोनों के खिलाफ गैंगरेप और यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी को सेक्स रैकेट के अहम सुराग मिले हैं। अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यह सबूत जॉब फॉर सेक्स रैकेट की ओर इशारा करते हैं। जितेंद्र नारायण को 28 अक्टूबर को एसआईटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि जितेंद्र नारायण पर 21 साल की युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। आरोपों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। जितेंद्र नारायण AGMUT कैडर के 1990 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं।

यौन शोषण के बदले मिली नौकरी!
मामले की जांच कर रही एसआईटी के अनुसार, 20 से अधिक महिलाओं को नारायण के एक साल के कार्यकाल के दौरान पोर्ट ब्लेयर स्थित आवास पर लाया गया। इसमें से कुछ को यौन शोषण के बदले नौकरी मिल गई। नारायण को 28 अक्टूबर को एसआईटी के समक्ष पेश होने को कहा गया है। कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से एसआईटी के सामने पेश होने के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

पोर्ट ब्लेयर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस से इस बात की पुष्टि की कि दोनों ब्यूरोक्रेट्स के सीडीआर और सेल फोन टावर की लोकेशन 21 साल की शिकायतकर्ता से मिल रही है जो उसने पुलिस को उपलब्ध कराई थी।

सीसीटीवी और हार्ड डिस्क का डेटा मिटाया गया
सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव के घर में लगे सीसीटीवी, डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) की हार्ड डिस्क के डेटा को डिलीट कर दिया गया। इस बीच जब उनका ट्रांसफर पोर्ट ब्लेयर से दिल्ली किया गया तो डीवीआर को भी हटा दिया गया। इसे लेकर पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी और एक स्थानीय सीसीटीवी विशेषज्ञ ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के कथित विनाश की पुष्टि करते हुए अपनी गवाही दी है।

अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए जितेंद्र नारायण ने गृह मंत्रालय और अंडमान निकोबार प्रशासन को एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। उन्होंने एफआईआर में दर्ज दो तारीखों में से एक में पोर्ट ब्लेयर में अपनी उपस्थिति को नकारते हुए कोर्ट में चुनौती दी है।

21 साल की महिला ने दर्ज कराई थी शिकायत
गौरतलब है कि एक अक्टूबर को पोर्ट ब्लेयर के अबरदीन पुलिस थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 14 अप्रैल से एक मई के बीच नारायण और अन्य लोगों ने उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया। एसआईटी इन आरोपों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने रेखांकित किया कि 21 जुलाई को दिल्ली ट्रांसफर किए गए नारायण ने भी घोषणा की है कि वह जांच में सहयोग देने के इच्छुक हैं। अदालत ने कहा कि इस मामले में तत्काल जांच करने की जरूरत है।