अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वैश्विक आर्थिक मंदी के लिए दूसरे देशों को जिम्मेदार ठहराया.
वाशिंगटन: राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विश्वास व्यक्त किया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था सभी प्रकार के संकटों का सामना करने में सक्षम है. उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अमेरिका की ‘मजबूत-डॉलर नीति’ के प्रभाव को नकारते हुए कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों में आर्थिक कमजोरी विकास के लिए खतरा है. शनिवार को ओरेगॉन के पोर्टलैंड में एक चुनावी अभियान के दौरान मीडिया से बातचीत में बाइडेन ने कहा, ‘मैं डॉलर की मजबूती के बारे में चिंतित नहीं हूं, मैं बाकी दुनिया के बारे में चिंतित हूं. अमेरिकी अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत स्थिति में है.’ राष्ट्रपति जो बाइडेन का नवीनतम बयान इस सप्ताह सीएनएन के साथ इंटरव्यू के दौरान उनकी टिप्पणी के विपरीत है, जिसमें उन्होंने अमेरिका में मंदी की संभावना जताई थी. हालांकि, उन्होंने कहा था, ‘यदि ऐसा है, तो यह बहुत मामूली मंदी होगी.’
उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर कहा, ‘मुद्रास्फीति दुनिया भर में है. समस्या अन्य देशों में आर्थिक विकास की धीमी गति और मजबूत आर्थिक नीति की कमी है.’ जनवरी के बाद से अन्य प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर स्पॉट इंडेक्स में 19.5% की वृद्धि हुई है, जो 4 दशकों में सबसे तेज अमेरिकी मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी की श्रृंखला से प्रेरित है. विशेष रूप से, जो बाइडेन ने संकट का सामना कर रहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस की टैक्स कटौती के मुद्दे पर यू टर्न लेने के फैसले को एक ‘गलती’ करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि ‘दुनिया भर में मुद्रास्फीति’ के बीच अन्य देशों की राजकोषीय नीतियां अमेरिका को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं अकेला नहीं था जिसने सोचा था कि यह एक गलती थी. मैं लिज ट्रस की नीति से असहमत हूं, लेकिन यह ग्रेट ब्रिटेन पर निर्भर है.’ इससे एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को ‘दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक’ के रूप में वर्णित किया था. जो बाइडेन ने यह टिप्पणी लॉस एंजिल्स (कैलिफोर्निया) में डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी के रिसेप्शन में की थी, इस दौरान उन्होंने चीन और रूस दोनों को फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा था, ‘यह एक व्यक्ति (शी जिनपिंग) है, जो समझता है कि वह क्या चाहता है, लेकिन उसके पास समस्याओं की एक विशाल श्रृंखला है. हम इसे कैसे संभालेंगे? रूस में जो हो रहा है, हम उसको कैसे संभालेंगे? और जो मुझे लगता है, दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है पाकिस्तान, बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार संपन्न देश.’
जो बाइडेन की इस टिप्पणी को अमेरिका के साथ संबंध सुधारने के शहबाज शरीफ सरकार के प्रयास के लिए एक झटके के रूप में देखा जा सकता है. इस कार्यक्रम में, उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की दूसरी तिमाही में अमेरिका के लिए गतिशीलता को बदलने के लिए बहुत सारे अवसर थे. राष्ट्रपति बाइडेन की इस टिप्पणी पर पाकिस्तान ने ऐतराज जताते हुए इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम को तलब किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने इस मुद्दे में फिर से भारत का राग अलापा. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को सवाल तो भारत की परमाणु क्षमता पर उठाने चाहिए थे, पाकिस्तान तो अपनी अखंडता सुनिश्चित करने पर अडिग है. हमारी परमाणु नीति इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के सभी मानकों पर पूरी तरह खरी उतरती है.