सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बालक नाथ जी की तपोभूमि में चल रहे चैत्र मास मेले के दौरान आस्था के नाम पर मौत का सफर किया जा रहा है। इन मेलों में पहुंचने वाले अधिकतर श्रद्धालु मालवाहक वाहनों में सफर करके न्यायालय के आदेशों की धज्जियां तो उड़ा ही रहे है साथ ही अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की चल रही बसों में ओवरलोडिंग अकसर देखी जा रही है। चैत्र मास मेले में श्रद्धालुओं की जान जोखिम में डालकर परिवहन निगम की बसों में सफर करवाया जा रहा है। चैत्र मास मेले के चलते श्रद्धालुओं को निगम की बसों में ठूस-ठूस कर सफर करने को मजबूर दिखे। जब हिमाचल पथ परिवहन निगम के निरक्षक व संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी और प्रशासन की आंखों के सामने ओवरलोडिंग हो रही है।
उल्लेखनीय है कि माननीय हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद जिला बिलासपुर के शाहतलाई में आस्था के नाम पर मौत का सफर बदस्तूर जारी है। मालवाहक वाहनों में यात्रियों को लाने व ले जाने के इस सफर पर नकेल कसने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। हैरानी की बात है कि जिला ऊना के बैरियरों से पुलिस की नाक तले रोजाना सैंकड़ों मालवाहक वाहन श्रद्धालुओं को भरकर गुजर रहे हैं, लेकिन पुलिस अधिकारी व ट्रैफिक कर्मी इस पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। महज कुछ रुपए का जुर्माना कर मौत की इस सवारी को कानूनी मान्यता दी जा रही है। पुलिस की ढील के कारण ही दर्जनों अवैध वाहन हिमाचल की सीमा में आकर पहाड़ी सफर कर रहे हैं, जिससे हर समय दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। हैरानी यह है कि ट्रकों व ट्रालियों में लकड़ी के फट्टे लगाकर इनको डबल डेक्कर बनाया जा रहा है और इसमें श्रद्धालुओं को भेड़-बकरियों की तरह ठूंसा जा रहा है। एक-एक गाड़ी में 80 से 100 के बीच श्रद्धालु जान हथेली पर रखकर मौत का यह सफर कर रहे हैं। हर बार दावे करने के बावजूद प्रशासन सिर्फ कागजी घोड़े दौडऩे का काम कर रहा है। प्रशासन की कुंभकर्णी नींद टूटने के लिए शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। (एचडीएम)