Joymala elephant: हाथी को लेकर भिड़े असम-तमिलनाडु, कौन है जयमाला जिसकी कस्टडी पर हिमंत और स्टालिन में रार?

जयमाला समेत 9 हाथियों को असम से मांगा गया था। उन्हें ये हाथी 2008 में गिफ्ट के तौर पर सिर्फ तीन महीने के लिए दिए गए थे। ये तीन महीनों से 14 साल हो गए असम को कोई हाथी वापस नहीं किया गया। कहा जा रहा है कि जयमाला को तमिलनाडु के नागरकोइल जिले में रखा गया है।

Himanta Biswa sarma and MK Stalin on Elephant row
हिमंत बिस्व सरमा और एमके स्टालिन

गुवाहाटी: तमिलनाडु सरकार ने असम को हाथियों को वापस करने से इनकार कर दिया। मामला मद्रास हाई कोर्ट पहुंचा। हाई कोर्ट ने तमिलनाडु के पक्ष में आदेश दिया। अब असम सरकार इस मामले को लेकर गुवाहाटी हाई कोर्ट में याचिका दायर करेगी। तमिलनाडु में असम के एक हाथी के साथ क्रूरता की रिपोर्ट मिलने के बाद, असम सरकार ने तमिलनाडु में इस उद्देश्य के लिए गठित चार सदस्यीय टीम को भेजा और हाथी जोयमाला की स्थिति का निरीक्षण किया। हालांकि, कथित तौर पर पहुंच से इनकार कर दिया गया था। हाथियों के इस विवाद में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि हाथी हमारे हैं। हमारे मामले की सुनवाई गुवाहाटी हाई कोर्ट में होगी, अगर हमें अच्छा ऑर्डर मिलता है, तो ठीक है क्योंकि हाथी हमारे हैं। अगर मद्रास एचसी भी अच्छा फैसला देता है, तो ठीक है। हम न्यायपालिका पर निर्भर हैं क्योंकि यह एक विवाद की तरह हो गया है। अब सवाल उठ रहा है कि ऐसा क्या है जो हाथियों के चक्कर में दो सरकारें आमने सामने आ गई हैं।

मामला सोशल मीडिया में वायरल हुए एक वीडियो के बाद उठा। तमिलनाडु में रह रहे एक हाथी जयमाला का यह वीडियो था। जिसमें कहा गया कि जयमाला को प्रताड़ित किया जा रहा है। उसे कई बार बुरी तरह से पीटा गया। वीडियो में हाथी जयमाला के माथे के पास घाव नजर आ रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इसका विरोध शुरू किया। केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस वीडियो पर एक ट्वीट करके कहा कि हाथी पूरी तरह ठीक है और मारपीट का वीडियो बहुत पुराना है।


2008 में दिए गए थे हाथी

असम का दावा है कि यह हाथी उनका है। उन्होंने तमिलनाडु को जयमाला सहित 9 हाथियों को लीज पर दिया था। असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एमके यादव ने कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर याचिका में हमने कहा है कि हाथी जयमाला हमारी है और हमने तमिलनाडु से इसे वापस करने को कहा है। हमने ये हाथी लीज पर तमिलनाडु को दिए थे। उन्होंने कहा कि गिफ्ट और लीज के मामले में कोई कानूनी बंधन नहीं होता है। हमने उनसे पहले भी अपने हाथी वापस मांगे थे।

ओडिशा में भी पांच हाथी
असम के वन अधिकारियों ने बताया कि एक साल से अधिक समय हो गया। हाथियों को वापस लाने के लिए वह तमिलनाडु सरकार से पत्राचार कर रहे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि इसी तरह असम के लगभग पांच हाथी ओडिशा में भी हैं, वह उन्हें वापस लाने के लिए भी ओडिशा सरकार को कई बार लिख चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ।
असम की टीम को नहीं दिखाई गई जयमाला
अधिकारियों ने बताया कि हाथी का वीडियो वायरल होने के बाद असम सरकार के प्रतिनिधियों को सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने तमिलनाडु भेजा। उनका आरोप है कि टीम तमिलनाडु गई लेकिन उन्हें हाथियों को वापस करना तो क्या देखने तक नहीं दिया गया। असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एमके यादव ने कहा था कि तमिलनाडु सरकार के असहयोग के कारण जयमाला को राज्य में वापस नहीं लाया जा सका, इसलिए असम सरकार ने इस मामले में कानूनी सहारा लेने के खिलाफ अदालत जाने का फैसला किया है।

तीन महीने से हुए 14 साल
बताया जा रहा है कि जयमाला समेत 9 हाथियों को असम से मांगा गया था। उन्हें ये हाथी 2008 में गिफ्ट के तौर पर सिर्फ तीन महीने के लिए दिए गए थे। ये तीन महीनों से 14 साल हो गए असम को कोई हाथी वापस नहीं किया गया। कहा जा रहा है कि जयमाला को तमिलनाडु के नागरकोइल जिले में रखा गया है। यहां उसे प्रताड़ित किया जाता है। आरोप है कि महावत की क्रूर यातना के कारण जयमाला मौत के कगार पर है। पेटा का दावा है कि दस साल से अधिक समय से, हाथी श्रीविलिपुथुर के नचिया में थिरुकोविल में एक मंदिर के पास था। हाथी को कभी-कभी कृष्ण कोविल मंदिर के पास भी देखा जाता था।