देश में 70 साल बाद चीतों की वापसी के बाद कैट फैमिली की दूसरी प्रजातियों पर भी चर्चा हो रही है। इनमें बाघ, शेर, तेंदुआ, क्लाउडेड लेपर्ड, हिम तेंदुआ शामिल हैं। ये प्रजातियां भारत में पहले से मौजूद है। कैट फैमिली का ही एक और सदस्य है ब्लैक पैंथर। इसकी कई चीजें बहुत दिलचस्प हैं।
नई दिल्ली: देश में 70 साल बाद चीतों (Cheetah) की वापसी हुई है। यह कैट फैमिली का सदस्य है। इससे जुड़ी कई प्रजातियां भारत में पहले से मौजूद हैं। इनमें बाघ, शेर, तेंदुआ, क्लाउडेड लेपर्ड, हिम तेंदुआ शामिल हैं। इन सभी की अपनी-अपनी खासियत है। इनमें कोई चकत्तेदार, भूरा और काली-सुनहरी धारियों वाला होता है तो काई सफेद और पीला। हालांकि, इसी फैमिली का एक और सदस्य है। यह एकदम काला यानी ब्लैक होता है। जंगल बुक में जिस बघीरा को आपने मोगली की अक्सर जान बचाते देखा है वह ब्लैक पैंथर (Black Panther) ही है। आइए, यहां उसके बारे में जानते हैं।
ब्लैक पैंथर एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में पाए जाते हैं। यह बहुत शक्तिशाली होता है। आसानी से पेड़ों पर चढ़ जाता है। लेपर्ड और जैगुआर जैसी अन्य प्रजातियों की तरह ब्लैक पैंथर्स के भी स्पॉट होते हैं। हालांकि, बेहद काले और चमकदार बालों के बीच ये स्पॉट दिखाई नहीं देते हैं। इनके पीछे के पांव थोड़े बड़े होते हैं। यह शेरों की तरह दहाड़ सकता है जो इसे चीतों से अलग करता है।
बेहद होशियार होता है ब्लैक पैंथर
ब्लैक पैंथर बहुत चतुर होता है। यह चुप रहने के साथ बेहद सतर्क रहता है। यह रात में ज्यादा एक्टिव रहता है। दिन के समय यह ऊंचे पेड़ों पर आराम करने में निकालता है। लेपर्ड और जैगुआर की तरह ये शानदार छलांग लगा सकते हैं। ये नजरों में आए बिना अपना शिकार खोज लेते हैं। ब्लैक पैंथर जितना अकेले में रहना पसंद करता है वह उतना ही आक्रामक भी होता है। मादा पैंथर एक समय में 2 से 4 बच्चों को जन्म देती है। गर्भ की अवधि करीब 3 महीने की होती है। दिलचस्प बात है कि ये बच्चे जन्म होने पर अंधे होते हैं। करीब दो हफ्ते के बाद ही ये आंखें खोलते हैं। 2 साल का हो जाने तक नर-मादा पैंथर इनके साथ रहते हैं। फिर इन्हें छोड़ देते हैं।
रात में करता है शिकार
ब्लैक पैंथर अक्सर रात में अपना शिकार ढूंढते हैं। काला होने के कारण रात में इन्हें देख पाना बहुत मुश्किल होता है। जंगल में रात के समय ये बिना नजर आए कहीं से भी गुजर जाते हैं। ये हिरण, चिड़ियों, खरगोश और अन्य वन्यजीवों को अपना शिकार बनाते हैं। जगुआर की तरह ब्लैक पैंथर्स को भी पानी से बहुत ज्यादा प्यार होता है। इन्हें पानी में खेलना और इसमें अपना शिकार ढूंढना अच्छा लगता है। ब्लैक पैंथर्स पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। इनकी संख्या तेजी से घटी है। दुनियाभर में इन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।