Sand Boa Snake In Chhindwara: छिंदवाड़ा के पांढुर्णा में सैंड बोआ प्रजाति का सांप मिला है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सांप की कीमत दो करोड़ रुपये के करीब बताई जाती है। अंधविश्वास की वजह से इसका इस्तेमाल होता है। सर्प मित्र ने किसान के खेत से रेस्क्यू कर इसे जंगल में छोड़ दिया है।
छिंदवाड़ा: एमपी के छिंदवाड़ा स्थित पांढुर्णा से सर्पमित्र सांप (sand boa snake) का रेस्क्यू किया है। इस सांप की कीमत दो करोड़ रुपये है। सांप को रेस्क्यू कर वन विभाग को सौंप दिया गया है। शुक्रवार की दोपहर में किसान सिद्धार्थ सहारे ने कॉल कर बताया था कि उसके खेत में दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है, जिसके बाद सर्पमित्र ने लगभग 25 किमी दूर जाकर उसका रेस्क्यू किया है। सर्प मित्र जब गांव पहुंचा तो सांप खेत में चल रहा था। उसके दो मुंह हैं, जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग काफी है। ऐसे सांप बहुत कम देखने को मिलते हैं।
दोमुंहा सांप की लंबाई भी काफी थी। आमतौर पर एमपी में इस प्रजाति के इतने बड़े सांप नहीं पकड़े जाते हैं। तत्काल ग्रामीणों को सूचना देकर सरपंच ने वहां सफाई कार्य शुरू कर दिया है। पकड़े गए सांप की प्रजाति सैंड बोआ की है, जिसकी लोग तस्करी करते हैं और इसे छुपा लेते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सांप की कीमत दो करोड़ रुपये से ऊपर हो सकती है। इस सांप का साइंटिफिक नाम Eryx johnii है, यह सांप जहरीला नहीं होता है।
यह संपूर्ण भारत में दुर्लभ प्रजाति में गिना जाता है। इस सांप को पकड़कर लोग मार भी देते हैं। साथ ही तस्करों के बीच इसकी बड़ी मांग है। तस्कर इसे करोड़ों में बेचते हैं। अगर कोई इसकी तस्करी करते वक्त पकड़ा जाता है तो धारा 1972 के अंतर्गत उस व्यक्ति को 7 साल की सजा होती है। साथ ही 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगता है। सर्प मित्र ने इस सांप को पकड़कर वन विभाग के हवाले कर दिया है।
फॉरेस्ट विभाग ने पंचनामा बनाकर फॉरेस्ट अधिकारियों के साथ इसे जंगल में छोड़ा है। इस दौरान मुख्य रूप से सांबारे और फॉरेस्ट के इत्यादि अधिकारी साथ में थे। दुर्लभ प्रजाति के इस सांप को देखने के लिए गांव में काफी भीड़ थी। गांव में ऐसे सांप कम ही देखने को मिलते हैं। ज्यादातर लोगों दोमुहां सांप की कहानी ही सुनी है।