जूनियर अडानी ने संभाली कमान, Adani पोर्ट्स को लेकर बड़ा फैसला, चुकाएंगे 5000 करोड़ का लोन

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशन इकोनॉमिक जोन कंपनी 5000 करोड़ के लोन का पेमेंट करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के सीईओ करण अडानी ने कहा कि हम मार्च 2024 तक इस लोन का पेमेंट और प्रीपेमेंट कर लेंगे। वहीं निवेश को लेकर भी उन्होंने अहम जानकारी दी। लोन भुगतान से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।

karan adani
करण अडानी

नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के निगेटिव रिपोर्ट के कारण अडानी समूह के इमेज को बड़ा नुकसान हुआ है। अह कंपनी अपने इमेज को संवारने में जुट गई है। जहां बार-बार अडानी के भारी-भरकम कर्ज के बोझ का हवाला दियाजा रहा है तो वहीं अब कंपनी लोन्स की प्रीपेमेंट और पेमेंट कर इस बोझ को कम कर रही है। कंपनी के इस कदम से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। सोमवार को कंपनी अपने गिरवी रखे शेयरों को वापस छुड़ाने के लिए 1.11 अरब डॉलर के लोन्स का प्रीपेमेंट की घोषणा की। अब गौतम अडानी के बेटे करण अडानी ने भी अडनी पोर्ट्स को लेकर बड़ा ऐलान किया है।

अडानी पोर्ट्स की कमान करण के हाथों में

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशन इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and SEZ) के सीईओ करण अडानी (Karan Adani) ने एक रिकॉर्डेड वीडियो मैसेज के जरिए कहा कि हम मार्च 2024 तक करीब 5000 करोड़ के लोन का पेमेंट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रीपेमेंट की योजना तैयार कर रहे है। कंपनी के डायरेक्टर और सीईओ करण अडानी ने मंगलवार को ये वीडियो मैसेज जारी किया। उन्होंने कहा कि हम कर्ज के बोझ को कम करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोन्स की प्रीपेमेंट के अलावा वित्त वर्ष 2024 के दौरान अडानी पोर्ट्स कैपिटल एक्सपेंडिचर के तौर पर 4000-5000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रहे है।

गौरतलब है कि करण अडानी ने ये घोषणा ऐसे वक्त पर की है, जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण कंपनी तो बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी के शेयर धड़ाधड़ बिकवाली देखने को मिली। इतना ही नहीं कंपनी को 20 हजार करोड़ रुपये का अपना एफपीओ तक वापस लेना पड़ा है। हालांकि मंगलवार को अडानी के शेयरों में तेजी लौटी थी। वहीं रेटिंग एजेंसियां मूडीज-फिच ने अडानी समूह के कर्ज को लेकर बड़ा बयान दिया है। अडानी के कर्ज को लेकर मूडीज और फिच दोनों ने अपनी रिपोर्ट दी है। दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडीज ने मंगलवार को कहा कि अडानी समूह की कंपनियों द्वारा भारतीय बैंकों से लिया गया लोन इतना अधिक नहीं है कि उनकी ऋण गुणवत्ता पर किसी तरह का जोखिम पैदा हो ।