Jupiter Moon Europa: बृहस्पति के चांद यूरोपा को लेकर बड़ा खुलासा, पानी के अंदर कुछ ऐसा हुआ कि बन गई बर्फीली दुनिया

Jupiter Moon Europa: बृहस्पति की बर्फीली सतह वाले चांद को लेकर एक नई रिसर्च सामने आई है। शोध में पता चला है कि वैज्ञानिक अभी तक यूरोपा की बर्फ को जितना नमकीन मान रहे थे यह उतना नमकीन नहीं है। इस नई रिसर्च से इस चांद पर जीवन के विकास में मदद मिल सकेगी।

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बृहस्पति का चांद।

वॉशिंगटन: सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के बर्फीली सतह वाले चांद को लेकर एक बड़ी खोज सामने आई है। एस्ट्रोबायोलॉजी पत्रिका के अगस्त अंक में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया। इस अध्ययन में पाया गया है कि यूरोपा की बर्फीली सतह “फ्रैज़िल आइस” से बनी है। फ्रैजल आइस क्रिस्टल संरचना होती है जो पृथ्वी पर भी बर्फ की चादरों के नीचे बनती है। ये नर्म बर्फ होती है। इस बर्फ में नमक का एक छोटा अंश होता है। इससे वैज्ञानिक मान रहे हैं कि अभी तक वह यूरोपा की बर्फ की चादरों को जितना नमकीन समझते थे ये उतनी नमकीन नहीं है।
टेक्सस इंस्टीट्यूट फॉर जियोफिजिक्स की शोधकर्ता और इस स्टडी के प्रमुख लेखक नताली वोल्फेंबर्गर (Natalie Wolfenbarger) ने कहा, ‘यूरोपा की खोज जब हम करते हैं तो सबसे पहला फोकस उसके समुद्र की लवणता और संरचना होती है। क्योंकि इन चीजों के जरिए ही पता लगाया जा सकता है कि किस तरह के जीव यहां विकसित हो सकते हैं।’

ये है यूरोपा की खासियत
एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट के लिए यूरोपा सौर मंडल की सबसे दिलचस्प चीजों में से एक है। नासा का कहना है कि बृहस्पति का ये चांद 60 से 150 किमी गहरे समुद्र से ढका हुआ है। इसके ऊपर भी लगभग 15 से 25 किमी मोटी बर्फ जमी है। यूरोपा पृथ्वी के एक चौथाई आकार का है, लेकिन इसके महासागर में पृथ्वी से लगभग दोगुना पानी है। अंतरिक्ष एजेंसी का मानना है कि ये चंद्रमा एलियन लाइफ की खोज के लिए सबसे दिलचस्प जगह हो सकती है। नासा का नया ऑर्बिटर यूरोपा क्लिपर 2024 में इस बर्फीले चांद के लिए लॉन्च होगा। ये चांद इस बात की खोज करेगा कि क्या ये जीवन के लिए उपयुक्त जगह हो सकती है या नहीं।

अंटार्कटिका में मिली दो तरह की बर्फ
इन्हीं प्रयासों के एक हिस्से के तहत शोधकर्ता यह समझने में लगे हैं कि बर्फ की चादर कैसे बनी है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए अंटार्कटिका की बर्फ की चादरों के नीचे मुख्य रूप से दो तरह की बर्फ की जांच की। यहां उन्हें दो तरह की बर्फ मिली। पहली बर्फ congelation आइस थी जो बर्फ की सतह पर बनती है। वहीं दूसरी फ्रैज़िल आइस थी, जो ठंडे समुद्री जल में बनती है और ऊपर जाने का प्रयास करती है, लेकिन बर्फीली चादर में फंस जाती है। ये धीरे-धीरे बर्फ को ऊपर करती रहती है। नासा की JPL टीम के वैज्ञानिक स्टीव वेंस जो इस रिसर्च में नहीं थे, ने कहा कि ये पेपर समुद्री दुनिया के बारे में सोचने के लिए एक नई संभावना खोलता है।