मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की गवाही के आधार पर इमाम जमाल अहमद को बालिका के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया गया। पांच महीने में पीड़िता को इंसाफ मिल गया।
मैनपुरी के किशनी क्षेत्र के एक मदरसे में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी इमाम को स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पूनम ने गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। वारदात के बाद ही पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। इमाम को किसी भी न्यायालय से जमानत नहीं मिली। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट ने इस मामले में पांच महीने में फैसला सुनाया है। दुष्कर्मी इमाम को सजा मिलने पर पीड़िता और उसके परिवार ने संतुष्टि जताई है।
थाना किशनी क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली आठ वर्षीय बालिका गांव मदरसे में 26 जनवरी 2022 की शाम चार बजे अपनी छोटी बहन के साथ पढ़ने गई थी। मस्जिद के इमाम जमाल अहमद ने बालिका को कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची की शिकायत पर पिता ने इमाम को पकड़कर पुलिस के हवाले करने के साथ ही दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने बालिका का मेडिकल कराने के बाद चार्जशीट कोर्ट में भेज दी। मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट में हुई।
पीड़िता के बयानों पर दोषी को सजा
अभियोजन पक्ष की गवाही के आधार पर इमाम जमाल अहमद को बालिका के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया गया। एडीजीसी अनूप कुमार यादव ने इमाम के कृत्य को समाज विरोधी बताते हुए कड़ी सजा देने की दलील दी। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पूनम ने गवाही तथा पीड़िता के बयानों के आधार पर बालिका से दुष्कर्म करने वाले इमाम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।