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ज्योति अपने अच्छे और बुरे पलों को अपनी पर्सनल डायरी में कैद करती थी। पीयूष के व्यवहार और उसकी हर गतिविधियों को उसने कविताओं के जरिए लिखा था। जो पुलिस के लिए अहम सबूत साबित हुए। 28 नवंबर 2012 को ज्योति की शादी पीयूष से हुई थी। ज्योति ने डायरी में अपने प्रति पीयूष के व्यवहार और उसकी गतिविधियों का जिक्र किया था।
ज्योति ने लिखा था कि वह अपना घर परिवार बचाने की कोशिश करती है। भगवान ने हमें सबकुछ सहन करने का साहस दिया है। हनीमून के 12 दिन जीवन के सबसे खराब दिन थे। शादी के बाद से पीयूष उससे दूर दूर रहता था। वह हनीमून के लिए विदेश जा रही थी। उस दिन एयरपोर्ट पर दोनों पहुंचे लेकिन कुछ देर बाद पीयूष उसे अकेला छोड़कर चला गया। करीब दो घंटे बाद लौटा। पूछने पर बताया कि वह एक दोस्त के मोबाइल पर कांफ्रेंसिग के जरिए बातचीत कर रहा था।
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इसके बाद पीयूष का रवैया उसके प्रति सही नहीं रहा। वह उससे बातचीत नहीं कर रहा था। हनीमून के दौरान भी उसका रवैया नवदंपति की तरह नहीं था। वह बुरा पल था। डायरी में लिखी कविताओं में भी ज्योति का दर्द झलक रहा था। दरअसल, पीयूष के कई लड़कियों से संबंध थे। वह अपनी फैक्टरी में काम करने वाली एक लड़की को भी सता रहा था। मनीषा माखीजा उसकी प्रेमिका थी।
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कहां लाश फेंकनी है वह जगह देख आया था पीयूष
पुलिस ने पीयूष के मोबाइल की जब लोकेशन खंगाली तो पता चला कि 26 जुलाई को वह पनकी में उसी जगह गया था जहां ज्योति की लाश मिली थी। इससे पुलिस को उसपर शक गहरा गया था। रेस्टोरेंट से मिले फुटेज ने पूरा राज खोल दिया था।
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टाइम लाइन
01 सितंबर 1988 को जबलपुर में ज्योति का जन्म हुआ था।
27 जुलाई 2014 अपहरण के बाद ज्योति की हत्या हुई थी।
30 जुलाई 2014 हत्यारोपी पति और उसकी प्रेमिका मनीषा गिरफ्तार।
29 नवंबर पीयूष को सिमकार्ड देने वाला गजेंद्र गिरफ्तार।
16 फरवरी 2015 पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल की।
23 जून 2015 मनीषा खमीजा को हाईकोर्ट से मिली थी जमानत।
22 नवंबर 2020 पीयूष को हाईकोर्ट से मिली जमानत।
11 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी बार एडीजे कोर्ट को तीन माह में केस निस्तारण करने को कहा।
20 अक्तूबर एडीजे कोर्ट ने आरोपी पीयूष, मनीषा समेत छह लोगों को दोषी करार दिया।
21 अक्तूबर को सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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