नई दिल्ली. केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना ने एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) को घर-घर पहुंचा दिया है. इसमें भरी गैस बेहद ज्वलनशील होने के कारण कई बार दुर्घटना का सबब बन जाती है. ऐसे में जरूरी है कि इसका इस्तेमाल करते समय बेहद सावधानी रखी जाए.
लोगों को सही जानकारी का अभाव और रखरखाव में चूक की वजह से अक्सर सिलेंडर फटने की घटनाएं सुनाई देती हैं. साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि यदि LPG सिलेंडर फट जाता है या गैस लीक होने की वजह से हादसा हो जाता है तो एक ग्राहक होने के नाते आपके पास क्या अधिकार हैं. इस बारे में अधिकतर लोगों को नहीं पता होगा कि पेट्रोलियम कंपनियां इस पर 50 लाख रुपये का बीमा भी देती हैं. इसके लिए ग्राहक को कोई प्रीमियम भी नहीं देना होता है.
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कौन होता है इसमें कवर
LPG यानी रसोई गैस कनेक्शन लेने पर पेट्रोलियम कंपनियां ग्राहक को पर्सनल एक्सीडेंट कवर उपलब्ध कराती हैं. 50 लाख रुपये तक का यह इंश्योरेंस एलपीजी सिलेंडर से गैस लीकेज या ब्लास्ट के कारण हादसा होने की स्थिति में आर्थिक मदद के तौर पर दिया जाता है. इस बीमा के लिए पेट्रोलियम कंपनियों की बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी रहती है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियां गैस सिलेंडर लेने वाले सभी ग्राहकों को इस सुविधा का लाभ देती हैं.
ग्राहक को भी डीलर डिलिवरी से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और डिलीवरी लेते समय चेक करें कि सिलेंडर बिल्कुल ठीक है या नहीं. ग्राहक के घर पर एलपीजी सिलिंडर की वजह से हादसे में हुए जान माल के नुकसान के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर दिया जाता है. हादसे में ग्राहक की प्रॉपर्टी/घर को नुकसान पहुंचता है तो प्रति एक्सीडेंट 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है.
कैसे मिलेगा 50 लाख का क्लेम
दुर्घटना के बाद क्लेम लेने का तरीका सरकारी वेबसाइट मायएलपीजी.इन (http://mylpg.in) पर दिया गया है. वेबसाइट के मुताबिक एलपीजी कनेक्शन लेने पर ग्राहक को उसे मिले सिलेंडर से यदि कोई दुर्घटना होती है तो वह व्यक्ति 50 लाख रुपये तक के बीमा का हकदार हो जाता है. दुर्घटना से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी जा सकती है.
- मृत्यु हो जाने पर पर्सनल एक्सीडेंट कवर के रूप में प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपये का क्लेम मिलता है.
- हर दुर्घटना पर इलाज खर्च के रूप में अधिकतम 30 लाख रुपये मिलते हैं, जिसमें प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये दिया जाता है
- कैसे मिलेगा क्लेम और क्या करना होगा
-दुर्घटना होने पर सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन और अपने एलपीजी वितरक को इसकी जानकारी देनी होगी.
-इसके बाद संबंधित एरिया से जुड़ी कंपनी की ऑफिस हादसे के कारणों की जांच करती है.
-अगर हादसा एलपीजी सिलेंडर की वजह से हुआ है तो डिस्ट्रीब्यूटर अथवा एरिया ऑफिस इसकी जानकारी बीमा कंपनी को देती है.
-जांच रिपोर्ट देखने के बाद कंपनी में क्लेम फाइल होता है, जिसके लिए ग्राहक को सीधे कंपनी में आवेदन करने या संपर्क करने की जरूरत नहीं होती.
-पीडि़त को FIR की कॉपी, घायलों के इलाज के पर्चे व मेडिकल बिल के अलावा मौत की स्थिति में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाणपत्र संभाल कर रखना चाहिए.