इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने बताया कि यह विस्फोट काबुल में गुरुद्वारा करता परवन के मुख्य द्वार के पास हुआ है। उन्होंने बताया कि इस धमाके में सिख या हिंदू समुदाय के किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि विस्फोट के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
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गुरुद्वारा के गेट के पास दुकान में हुआ धमाका
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने बताया कि यह विस्फोट काबुल में गुरुद्वारा करता परवन के मुख्य द्वार के पास हुआ है। उन्होंने बताया कि इस धमाके में सिख या हिंदू समुदाय के किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि विस्फोट के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। पिछले एक महीने के भीतर इस गुरुद्वारे पर यह दूसरा हमला बताया जा रहा है।
एक दिन पहले ही तालिबान ने अफगानिस्तान को बताया था सुरक्षित
गुरुद्वारे के बाहर विस्फोट से एक दिन पहले ही तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय कार्यालय के महानिदेशक मुल्ला अब्दुल वसी ने देश में सुरक्षा के हालात पर अल्पसंख्यकों को आश्वासन दिया था। उन्होंने हिंदू और सिख परिषद के सदस्यों के साथ एक बैठक में दावा किया था कि अफगानिस्तान में सुरक्षा बहाल कर दी गई है। वसी ने सिखों और हिंदुओं से अफगानिस्तान लौटने का आग्रह भी किया था। 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर अधिकार करने से पहले, सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 600 थी, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें और कमी आई है।
आईएसआईएस पर हमले का शक
गुरुद्वारे पर हुए हमले की अभी तक किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। इससे पहले 18 जून को करता परवन गुरुद्वारा पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में तालिबान के सदस्यों सहित लगभग 50 लोगों की जान चली गई थी। जिसके एक दिन बाद, आईएसआईएस-खोरासन ने एक बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। आईएसआईएस ने बताया था कि हमले में उसका आतंकी अबू मोहम्मद अल ताजिकी शामिल था।