MP News: मध्यप्रदेश में एक अनोखी कहानी सामने आई है। रतलाम जिले में कुत्ते की वफादारी देखकर हर कोई भावुक हो गया है। एक कुत्ता अपनी मालकिन और दो मासूम बच्चों के कब्र के सामने बैठकर बीते एक सप्ताह से रो रहा है। इस कुत्ते की वफादारी देखकर हर कोई भावुक हो जाता है।
क्षेत्रवासियों के अनुसार कुत्ते का नाम कालू है। लोगों ने बताया कि कुत्ता मृत बच्चों और उनकी मां से इतना प्यार करता था कि जब बच्चे स्कूल से आते थे वो भौंककर मां को बाहर बुलाता था। स्कूल बस आते ही कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगता था। लेकिन तीनों की हत्या के बाद आरोपी पति सोनू पालतू कुत्ते कालू को दूर छोड़ आया था। लेकिन वह वापस घर आ गया। घर के जिस पोर्च में शव गाड़े गए थे उसी जगह कालू बैठकर 24 घंटे बच्चों व महिला को याद कर रो रहा है।
क्या कहते हैं क्षेत्रवासी
क्षेत्रवासियों के अनुसार करीब एक साल पहले कालू का जन्म निशा बोरासी के घर के सामने प्लॉट में हुआ था। जिसके बाद निशा और कालू को पाल लिया था। क्षेत्र की महिलाओं ने जब निशा से पूछा था कि आपके यहां पहले से 7 महंगे कुत्ते हैं तो सड़क के कुत्ते के बच्चे की क्या जरुरत? इस पर निशा ने कहा था कि इसकी सेवा भी मेरे हिस्से में कहीं न कहीं लिखी होगी। इसलिए मैंने इसे पाल लिया है।
यह था मामला
दरअशल, रतलाम के कनेरी रोड स्थित विंध्यवासनी कॉलोनी निवासी रेलकर्मी सोनू तलवाड़िया ने नवंबर 2022 में पत्नी निशा बोरासी, 7 वर्षीय अमन और 4 वर्षीय खुशी की कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या कर दी थी। जघन्य हत्याओं के बाद आरोपी पति सोनू ने सैलाना यार्ड निवासी बंटी उर्फ जितेंद्र कैथवास के सहयोग से तीनों के खून से लथपथ शवों को मकान के आगे पोर्च में गड्ढे में गाड़ दिए थे। दोनों आरोपी अभी जेल में है।
घर वापस लौट आया
आरोपी सोनू ने घर में पालतू 7 विदेशी नस्ल के कुत्तों को भी पाल रखा था। पत्नी और बच्चों को मारने के बाद उसने सभी कुत्तों को अपने रिलेटिव को दे दिया था। जबकि आरोपी सोनू मृत निशा और बच्चों के सबसे प्यारे कुत्ते कालू को दूर के जंगल में छोड़ आया था। अब जंगल से वापस आया कालू भूखा-प्यासा पोर्च में गड्ढे के पास बैठकर अपनों को याद कर रो रहा है।