नई दिल्ली: यूक्रेन संग जारी जंग के बीच रूस ने अपने दिखने में छोटे मगर बाहुबली हथियार से आक्रमण करना शुरू कर दिया है. यूक्रेन के खिलाफ रूस ने अब अपने हमले में कामिकाजे ड्रोन (kamikaze drones) का इस्तेमाल तेज कर दिया रहा है. कामिकाजे ड्रोन नामक रूस का यह नया हथियार दुश्मनों के ठिकाने को ढूंढकर तबाह कर देता है. इस हथियार के इस्तेमाल से न केवल यूक्रेन की चिंता बढ़ गई है, बल्कि पश्चिमी देश भी सकते में आ गए हैं. यही वजह है कि यूक्रेन ने अपने सहयोगियों को रूस के इस आक्रमण का जवाब देने के लिए इस ड्रोन के और डिफेंस सिस्टम और गोला-बारूद की आपूर्ति करने को कहा है.
दरअसल, रूस यूक्रेन के शहरों पर हमला करने के लिए लगातार कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. इस खतरनाक ड्रोन को ईरान ने बनाया है और हाल ही में रूस को सप्लाई किया है. रूसी हमले में कीव में जो तबाही हुई है, उसमें इसी ईरानी कामिकेज ड्रोन का हाथ बताया जा रहा है. खुद यूक्रेन ने माना है कि रूस ने हाल की दिनों में कीव, विन्नित्सिया, ओडेसा, जापोरिज्जिया और यूक्रेन के अन्य शहरों पर हमला करने के लिए ईरानी कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल किया है. यही वजह है कि रूस की इस नई चुनौती का सामना करने के लिए यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से और सैन्य सहायता बढ़ाने की गुहार लगाई है.
ईरान से लिए हैं रूस ने ये आत्मघाती ड्रोन
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले फरवरी में जब से रूस और यूक्रेन के बीच जंग का शुरू हुई है, तब से ही रूस, यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. रूसी हमले में केवल मिसाइलें ही शामिल नहीं हैं, बल्कि ड्रोन भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि, जब से रूस ने ईरान से कामिकेज ड्रोन हासिल किए हैं, तब से उसने इस घातक हथियार का इस्तेमाल बढ़ा दिया है. यहां बताना जरूरी है कि केवल रूस के पास ही कामिकेज ड्रोन नहीं हैं, बल्कि यूक्रेन भी खुद रूसी ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि, उसे ये ड्रोन पश्चिमी देशों से मिल रहे हैं. क्योंकि रूस ने भी कामिकेज ड्रोन से हमले तेज कर दिए हैं, यही वजह है कि यूक्रेन ने भी अपने सहयोगी देशों से इन घातक कामिकेज ड्रोन्स की सप्लाई बढ़ाने को कहा है.
क्या है यह कामिकेज ड्रोन
दरअसल, कामिकेज ड्रोन्स को आत्मघाती यानी सुसाइड ड्रोन्स भी कहा जाता है, जो एक तरह का एरियल विपन सिस्टम यानी हवाई हथियार प्रणाली है. यह हथियार कितना घातक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह दुश्मन के ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त करके ही मानता है. यह कामिकेज ड्रोन तब तक टारगेट के पास उड़ता है, जब तक वह सटीक तौर और समय पर हमला करने की स्थिति में ना आ जाए. यह कुछ समय तक टारगेट जोन में प्रतीक्षा कर सकता है और दुश्मना की पहचान होने के बाद ही हमला करता है.
क्या है इस हथियार की खासियत
कामिकेज ड्रोन नामक यह हथियार न केवल छोटा है, बल्कि पूरी तरह से पोर्टेबेल और आसानी से लॉन्च किया जाने वाला है. मगर इसकी सबसे खास बात यह है कि इस हथियार को दुश्मनों द्वारा डिटेक्ट कर पाना काफी मुश्किल होता है और निश्चित दूरी से भी इसे दागा जा सकता है. ये ड्रोन्स क्योंकि आत्मघाती हैं, इसलिए टारगेट को अटैक करने के बाद वहीं पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं. ये ड्रोन सटीक-निर्देशित मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं और इनमें लगभग 50 किलोग्राम (110 पाउंड) का पेलोड होते हैं.
बताया जा रहा है कि अगस्त महीने में रूस ने ईरान से इन ड्रोनों को खरीदा था. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि रूसी नियंत्रण वाले यूक्रेन के क्षेत्र में ईरानी रूसी सेना को शहीद-136 उड़ाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे हवा में सतह पर मार की जा सकती है और सटीक निशाना लगाया जा सकता है. बता दें कि कामिकेज ड्रोन का ईरानी नाम शहीद-136 ड्रोन है. दावा किया गया है कि रूस ने ईरान से 2,400 शहीद-136 ड्रोन का ऑर्डर दिया है. यूक्रेन का दावा है कि पिछले महीने पहली बार खारकीव में रूस ने इस ड्रोन से उसके सैनिकों को मारा था.