भाजपा का कांग्रेस क्लीन ऑपरेशन जारी, अध्यक्ष नड्डा लगातार कर रहे राजनितिक मुशक़त..कांग्रेस से सिर्फ 6विधयाक ही नहीं कुछ पूर्व विधायक, मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भी भाजपा के संपर्क मे है और कभी भी हिमाचल मे नड्डा के नेतृत्व मे ऑपरेशन कांग्रेस क्लीन हो सकता है, बेशक़ ये वात भाजपा सरकार मे राजनितिक सलाहकार त्रिलोक जमवाल कह रहे है लेकिन पिछले कल नड्डा ने भी कुछ ऐसा ही संजीत दिया है.. इतना ही नहीं मंडी जिला से टिकट बदलने का बड़ा सिग्नल कल नड्डा की तरफ से निकाल है. कुछ के टिकट काटेंगे, कुछ नेता भाजपा मे आएंगे..मतलब साफ है की भाजपा अब सरकार को बनाने की दाबेदारी को मजबूत करने लगी है.. इन सबके बीच अब हिमाचल के काँगड़ा मे अचानक से कांग्रेस की शांति पसरी हुई है.पूर्व मन्त्री सुधीर शर्मा सहित सभी बड़े छोटे नेता चुपी साधे हुए हैँ और ये चुपी अब चर्चा का विषय बनी हुई है.. कांग्रेस काँगड़ा जिला से सरकार बनाने को आश्वासत जरूर थी लेकिन हाई कमान की टिकेटो को फ़साने की रणनीती ने काँगड़ा की राजनीती को ही बदल दिया है.. काँगड़ा मे कांग्रेस को लेकर चर्चा थी की बड़ी जीत होंगी लेकिन पवन काजल की भाजपा मे एंट्री ने कांग्रेस की सात सीटों पर सीधा प्रभाव डाल दिया. काँगड़ा, ज्वालाजी, धर्मशाला, शाहपुर, इंदौरा, जवाली, देहरा, नगरोटा, धर्मशाला मे सीधा नुक्सान पार्टी को हुआ.. इसके बाद कांग्रेस का टिकट आवंटन शुरू हुआ और माना जा रहा था की सर्वे पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार पार्टी सीधे टिकट देगी ताकि कोई माहौल जिले मे खराब ना हो, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, और नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी प्रयास किया की काँगड़ा जिला डिस्टर्ब ना हो विशेष रूप से पवन काजल के झटके से अधिक नुक्सान ना हो, क्यूंकि काजल के जाने से काँगड़ा सदर का नुक्सान तो पहले ही हो चूका है और काँगड़ा मे कोई जीतने बाला नाम नहीं रहा, सुरेंदर काकु पर ही कांग्रेस दाब खेलने जा रही है ऐसा कहा जा सकता है. वही अगर कांग्रेस की बात करें तो सुधीर शर्मा, यादविंदर गोमा, संजय रतन, जगजीवन पाल, किशोरी लाल,जैसे वो नाम हाई कमान के माध्यम से रोकने का प्रयास किता गया है जो जीतने मे शक्षम है… कुछ से हमने बात की तो पत्ता चला की चुनाबी मोड़ मे भाजपा है लेकिन कांगेस के ये मजबूत नाम अपने विधानसभा से दूरी बनाये हुए हैँ जिसका कारण हाई कमान है..ये लोग मजबूती से covid काल के समय से आज तक काम करते रहे लेकिन अब चुनाबो से ठीक पहले हाई कमान के ढुलमुल रविये के चलते शांत है और अगली रणनीति का इंतज़ार कर रहे है.. सूत्र की माने तो भाजपा की पूरी ऑफर इनके पास है,, ऐसे मे देखना होगा की सोनिआ गाँधी से मिल कर काँगड़ा का पक्ष रखने के बाद भी अब क्या राजनीति हाई कमान की होगी,, क्या भाजपा को कांग्रेस खुद मजबूत करेगी ,, प्रतिभा सिंह काँगड़ा की बात अलग से रख चुकी है, मुकेश काँगड़ा को मैबूत किला मानते है,, सुधीर ने लगातार काँगड़ा को मजबूत किया है,, ऐसे मे अब हाईकामान क्या खुद देरी से फांसीले लेकर काँगड़ा ने कॉंग्रेस को कमजोर करने का मन बना चुकी है ये बड़ा सवाल है लेकिन भाजपा काँगड़ा मे डैमेज कंट्रोल मे है और कगातार सिथि को सुधार रही है जैसा की देहरा औरर ज्वालाजी को लेकर हुआ है