हमारे देश में नारी को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। चाहे, देश रक्षा की बात हो, राजनीति हो या निर्णायक भूमिका, हर क्षेत्र में महिलाओं ने क्षमता को साबित कर दिखाया है। हिमाचल प्रदेश की चार दबंग महिला आईपीएस अधिकारियों (IPS Officers) की बात हो रही है, जिन्होंने कड़ी मेहनत से खुद को काबिल बनाया कि बड़े-बड़े अपराधी भी इनके नाम से कांपते हैं।
महिला आईपीएस अधिकारियों ने साबित कर दिखाया कि नारी ही शक्ति का स्वरूप है, अगर वो जननी है तो समय आने पर चंडी या महिषासुर मर्दिनी भी बन सकती है। पहाड़ी राज्य में पुलिस के 14 जिले हैं। इनमें चार सबसे बड़ों ज़िलों की पुलिस चीफ महिलाएं हैं।
तो चलिए रूबरू होते हैं नारी शक्ति से….
IPS शालिनी अग्निहोत्री..
कांगड़ा की एसपी शालिनी हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एक छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली हैं। पिता HRTC में बस कंडक्टर थे। सामान्य परिवार से होने के बावजूद भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी (UPSC) को क्लीयर किया। आईपीएस( IPS) बनने के पीछे अतीत की एक घटना जुड़ी है, जिसकी वजह से ही वो आज हिमाचल के सबसे बड़े जिला कांगड़ा की कमान संभाल रही हैं।
क़ाबलियत की वजह से जयराम सरकार ने मंडी की कमान सौंपी थी, मौजूदा कांग्रेस सरकार ने कांगड़ा का पुलिस चीफ (Police Chief) बनाया है।
दरअसल, एक बार शालिनी अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थीं। जिस सीट पर उनकी मां बैठी थी, उसके पीछे एक अनजान व्यक्ति ने हाथ लगा रखा था, जिस वजह से मां असहज होकर ठीक से बैठ नहीं पा रही थीं। बार-बार अनुरोध के बावजूद व्यक्ति ने हाथ हटाने से मना किया और गुस्से में बोल पड़ा कि, “तुम कहीं कि डीसी हो क्या, जो तुम्हारी बात मान लें”। इस बात का गहरा प्रभाव नन्हीं शालिनी पर ऐसा पड़ा कि उसी वक़्त ठान लिया कि वो भविष्य में एक बड़ी अफ़सर ज़रूर बनेंगी। बस में सफर के दौरान “मां” से पूछा था कि ये डीसी कौन होता है।
शालिनी पढ़ाई में अच्छी थीं, 10वीं में 92 प्रतिशत और 12वीं में 77 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके बाद कृषि विश्वविद्यालय (Agriclture University) से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। बचपन की घटना अब तक याद थी। ये ही वजह थी कि पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्हें पता था कि ये परीक्षा बेहद कठिन है, अगर वो इसे क्लीयर नहीं कर पाती हैं, तो घरवाले निराश हो सकते हैं। इसलिए, तैयारी के बारे में किसी को नहीं बताया था।
जानकार हैरानी होगी कि बिना कोचिंग के शालिनी ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की थी। 2011 में परीक्षा दी थी। परीक्षा में मेहनत रंग लाई। शालिनी ने पहली बारी में ही यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर ली। 285 वीं रैंक मिला था।
शालिनी अग्निहोत्री एक जांबाज़ आईपीएस ऑफिसर हैं। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें Prime Minister’s Baton और गृहमंत्री की रिवॉल्वर भी दी गई है। इसके अलावा, उन्होंने बेस्ट ट्रेनिंग अवॉर्ड भी जीता है और साथ ही राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत भी हुई हैं।
इनकी शादी अपने ही बैच के आईपीएस संकल्प शर्मा से हुई है। कुल्लू व मंडी में बतौर पुलिस अधीक्षक सेवाएं देने के बाद अब एसपी कांगड़ा का कार्यभार सौंपा गया है।
IPS सौम्या सांबशिवन…
IPS अफसर सौम्या सांबशिवन स्वभाव से सौम्य है, लेकिन पुलिस अधिकारी के नाते कड़क भी हो जाती है। शिमला की पहली महिला एसपी (SP) बनने का गौरव प्राप्त है। केरल की रहने वाली हैं। 2010 बैच की आईपीएस अफसर हैं। सपना था कि वो लेखक बनें पर किस्मत को तो कुछ और मंजूर था। पिता इंजीनियर रहे। सौम्या अपने पापा-मम्मी की इकलौती संतान है।
आईपीएस अधिकारी सौम्या के बारे में एक बात काफी कम लोग जानते है कि एक बार वो मिस साउथ इंडिया (Miss South India) के मंच पर फाइनलिस्ट के तौर पर पहुंची थी। आईपीएस अधिकारी ने शादी नहीं की है। धार्मिक स्वभाव की है, माता -पिता की सेवा में हमेशा तत्पर रहती है। बायो स्ट्रीम में ग्रेजुएशन किया है। एमबीए के बाद बैंक में नौकरी करनी शुरू कर दी। 2 साल तक इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम किया। नौकरी के साथ-साथ ही यूपीएससी की तैयारी करना भी शुरू कर दिया। पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।
आईपीएस बनने के बाद बतौर पुलिस अधीक्षक हिमाचल के सिरमौर जिला में पहली तैनाती मिली। सिरमौर की एसपी रहने के दौरान एक प्रदर्शन के दौरान एक MLA को थप्पड़ जड़ दिया था और जेल भेज दिया था। इसके बाद सौम्या काफी चर्चा में हुई थी।
उन्होंने देश के अलग-अलग राज्यों के स्कूलों में पढ़ाई की है। उन्होंने कोयंबटूर से बायो टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन किया। आईसीएफएआई, हैदराबाद से मार्केटिंग और फाइनेंस में पीजीडीबीए (PGDBA) किया है।
IPS साक्षी वर्मा…
निर्भीकता, निष्पक्षता तथा सत्यनिष्ठा को धर्म व कर्म मानने वाली साक्षी वर्मा ऐसी हिमाचली आईपीएस अधिकारी हैं, जो जनता की सेवा का जज्बा लिए इस क्षेत्र में उतरी हैं। वर्ष 2014 बैच की आईपीएस साक्षी वर्मा वर्तमान में कुल्लू के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में सेवाएं दे रही हैं। साक्षी वर्मा कार्तिकेयन का जन्म व पालन पोषण पंजाब के राजपुरा में हुआ। इनकी शिक्षा आईसीएल पब्लिक स्कूल राजपुरा (पटियाला) व एसडी कॉलेज चंडीगढ़ से हुई।
साक्षी वर्मा के पिता एसपी वर्मा ऑरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से वरिष्ठ प्रबंधक व माता रमा वर्मा सरकारी स्कूल से प्रवक्ता के रूप में सेवानिवृत्त हुई हैं। 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी साक्षी वर्मा 2018 में आईपीएस डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन के साथ परिणय सूत्र में बंधी। IPS के प्रशिक्षण के दौरान हो बैचमेट कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन को दिल दे बैठी थी। पति मौजूदा में बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं।
स्कूल के दिनों से ही पिता ने साक्षी को सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी तैयारी कॉलेज के बाद शुरू कर दी थी। सिविल सर्विस परीक्षा में इतिहास विषय का चयन किया तथा चौथे प्रयास में सफलता हासिल कर ली। कुल्लू से पहले वो किन्नौर तथा बिलासपुर में एसपी के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं।
IPS आकृति शर्मा
आकृति शर्मा ने कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज (Tanda Medical College) से साल 2010 में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई पूरी की और टॉपर बनी। कुछ समय के लिए शिमला के आईजीएमसी में नौकरी भी की, लेकिन बाद में सपना पूरा करने में जुट गईं। आकृति शर्मा पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही।
आकृति शर्मा के पिता 2013 में डीआईजी के पद से रिटायर हुए हैं व मां भी प्रोफेसर रह चुकी हैं। ऊना की रहने वाली आईपीएस आकृति शर्मा के पति सुमित नेवी में कमांडर हैं।
19 जुलाई 1986 को जन्मी आकृति ने 2011 में पूरी मेहनत और लगन से यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पांच साल तक संकल्प को दृढ़ रखने के बाद 2016 में यूपीएससी परीक्षा में 137वां रैंक हासिल कर आईपीएस अधिकारी बनीं। बता दें कि आकृति शर्मा के जीवन में पुलिस ऑफिसर बनने का जूनून इस कदर हावी था कि वह बचपन में फैंसी ड्रेस शो में भी पुलिस अधिकारी ही बनती रही थी। बचपन के अपने जुनून को आकृति ने 29 साल की उम्र में रियल लाइफ (Real Life) में बदल दिया।
MBBS में भी किया है टाॅप…
बता दें कि आकृति ने एमबीबीएस की पढ़ाई की हुई है। इतना ही नहीं, साल 2009 में यूनिवर्सिटी टाॅपर भी रह चुकी है। लेकिन बार-बार यही दोहराती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा में विषयों का चयन महत्वपूर्ण होता है।
बता दें कि आईपीएस आकृति की मां डाॅ. मीना प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। पति की ट्रांसफर के दौरान वो इस बात पर काफी फोकस करती थी कि आकृति की पढ़ाई में कोई रूकावट आए। आईपीएस बनने के बाद वो चाहती थी कि उन्हें हिमाचल कैडर मिले। आईपीएस आकृति शर्मा की इस सफलता के पीछे उनके पति सुमित का भी बड़ा योगदान है।
हिमाचल प्रदेश में साल 2016 बैच की आईपीएस आकृति शर्मा हमीरपुर में एसपी कार्यरत हैं। उनके पिता आरएम शर्मा भी हमीरपुर में एसपी के पद पर रह चुके हैं। आज वह भी एसपी के पद पर हमीरपुर में अपनी सेवाएं दे रही है, बता दें कि आकृति के पिता साल 2000 से 2003 तक जिले में एसपी रहे थे।