जनपद के धर्मशाला स्थित केंद्रीय सहकारी बैंक AGM को रिटायरमेंट से पहले सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर बैंक की कार्यप्रणाली में अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाए गए है। बैंक प्रबंधन ने यह भी फैसला लिया है कि मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों को जिलों में तैनाती दी जाएगी। इसके तहत DGM स्तर के 8 अधिकारियों को अब जिला हेड क्वार्टर में बैठाया जाएगा।
बैंक प्रबंधन ने तकरीबन 225 अधिवक्ताओं को भी बाहर कर दिया है, जो पिछले काफी समय से बैंक से संबंधित अलग-अलग मामलों से जुड़े कोर्ट केसों और अन्य चीजों को देख रहे थे। बैंक के चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि लंबे समय से बैंक के मामलों में आउटपुट बराबर नहीं आ रही थी। बेवजह केस पेंडिंग चल रहे हैं। इसलिए यह फैसला लिया गया।
पठानिया का कहना है कि बैंक की भीतरी व्यवस्था में आमूलचूल सुधार करने के लिए कड़े कदम लिए जाएंगे। NPA के मामलों को लेकर जो आउटपुट सामने आएगी, उसका 2-3 दिन में पता चलेगा। उसके बाद बैंक की व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। पठानिया ने बताया कि जिन CA से बैंक का ऑडिट करवाया जाता है, उनकी भी जांच की जा रही है।
पठानिया ने बताया कि कई और खामियों की वजह से भी बैंक के बट्टे खाते में 91 करोड़ डालने की तैयारी थी, लेकिन इस पर अभी अंतिम फैसला लिया जाना है।