कानपुर: सिख विरोधी दंगों के 38 साल बाद शुरू हुईं गिरफ्तारियां, 127 लोगों की हुई थी हत्या

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सिख विरोधी दंगों के 38 साल बाद गिरफ्तारियां शुरू हुई है. एसआईटी की टीम ने घाटमपुर क्षेत्र में छापेमारी करके चार आरोपियों को गिरफ्तार है. वर्ष 1984 में देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे हुए थे. इस दौरान कानपुर में 127 सिखों की हत्या हुई थी.

इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने लगभग 3 साल की जांच के बाद हत्या आरोपियों को चिह्नित कर उनकी गिरफ्तारी शुरू कर दी है. एसआईटी की टीम ने कानपुर कमिश्नरेट और कानपुर अवतार के संयुक्त अभियान में घाटमपुर क्षेत्र में छापेमारी करते हुए चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.

वर्ष 1984 में देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे हुए थे. इस दौरान कानपुर में 127 सिखों की हत्या हुई थी. (प्रतीकात्मक)

वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी. 31 अक्टूबर को हुई इस हत्या के बाद राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए हैं. इस दौरान अकेले कानपुर में 127 सिखों की हत्या कर दी गई थी.

वहीं विभिन्न थाना क्षेत्रों में हत्या-लूट और डकैती की गंभीर धाराओं में 40 मुकदमे दर्ज हुए थे. पुलिस ने 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. वहीं 27 मई 2019 को पूर्व डीजीपी अतुल कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई गई थी, जो कि 20 मुकदमों की दोबारा जांच कर रही है. हालांकि इनमें से केवल 14 मुकदमों में ही साक्ष्य मिले हैं, वहीं 9 मुकदमे चार्टसीट की स्थिति में हैं, जिसमें गिरफ्तारियां शेष हैं.