सीने में पांच गोलियां लगने के बाद भी कारगिल शहीद डोला राम ने मार डाले थे 17 दुश्मन

छाती में पांच गोलियां लगने के बाद भी कारगिल शहीद डोला राम ने अपने साथियों के साथ मिलकर सियाचिन ग्लेशियर के टॉप पर बंकर में छिपे 17 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया था। 

शहीद डोलाराम की प्रतिमा के साथ उनकी पत्नी।

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की उप तहसील नित्थर से संबंध रखने वाले शकरोली निवासी कारगिल शहीद डोला राम को शनिवार को सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देंगे। उनकी शहादत की याद में हर साल तीन जुलाई को समारोह आयोजित किया जाता है। वर्ष 1999 में कारगिल होकर भारत में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानियों के मंसूबों को पस्त करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन विजय अभियान में उनकी अहम भूमिका रही। छाती में पांच गोलियां लगने के बाद भी उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर सियाचिन ग्लेशियर के टॉप पर बंकर में छिपे 17 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया था। 5,400 मीटर की ऊंचाई पर खून जमा देने वाली ठंड में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। शनिवार को शहीद डोला राम मेमोरियल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नित्थर में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि दी जाएगी। 

मुक्केबाज और पर्वतारोही थे शहीद डोला राम
शहीद डोला राम बॉक्सर होने के साथ अच्छे पर्वतारोही भी थे। तीन सैनिकों को उनके साथ सियाचिन की चोटी पर दुश्मनों की टोह लेने के लिए भेजा गया था। ऑपरेशन विजय के दौरान डोला राम और उनके साथी अपनी टुकड़ी को चोटी पर पहुंचाने के लिए रास्ता बना रहे थे। उन्हें सियाचिन की चोटी पर पहुंचकर दुश्मनों की जानकारी अपनी सेना तक पहुंचानी थी। इसी बीच, डोला राम की नजर बंकर में छिपे घुसपैठियों पर पड़ी। उन्होंने बंकरों में घुसकर आतंकियों को मारना शुरू कर दिया। शहीद डोला राम की पत्नी प्रेमा देवी ने कहा कि उनके दोनों बेटे अश्वनी कटोच और अंकुश कटोच का भी सपना है कि वे सेना में जाकर तन, मन, धन से देश की सेवा करें। सरकार ने शहीद डोलाराम के नाम पर नित्थर स्कूल का नाम रखा। शकरोली, शनाह और घूटी में तीनों घरों को जोड़ने के लिए कोयल से नित्थर सड़क भी बनाई।