कर्नाटक कांग्रेस का पेसीएम अभियान पूरे राज्य में लगातार जारी है। मामले के नोटिस में आते ही प्रशासन की ओर से पोस्टर्स हटवाए गए और कर्नाटक सार्वजनिक स्थल (विरूपण की रोकथाम) ऐक्ट 1981 के तहत केस दर्ज हुआ। डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया और रणदीप सिंह सुरजेवाला को हिरासत में लिया गया।
बेंगलुरु: कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया और रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक में सीएम बसवराज बोम्मई के खिलाफ पेसीएम अभियान के चलते हिरासत में लिया गया। कांग्रेस ने शुक्रवार को सार्वजनिक स्थानों पर ‘पे-सीएम’ पोस्टर लगा कर बोम्मई को निशाना बनाने का अपना अभियान तेज कर दिया। हिरासत में लिए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस का यह अभियान कर्नाटक की ’40 फीसदी करप्शन सरकार’ के खिलाफ है।
कर्नाटक कांग्रेस का पेसीएम अभियान पूरे राज्य में लगातार जारी है। मामले के नोटिस में आते ही प्रशासन की ओर से पोस्टर्स हटवाए गए और कर्नाटक सार्वजनिक स्थल (विरूपण की रोकथाम) ऐक्ट 1981 के तहत केस दर्ज हुआ। बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सीएच प्रताप रेड्डी ने कहा कि उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और मामले में जांच अभियान शुरू किया।
क्या है पेसीएम अभियान?
इन पोस्टरों में पेटीएम की तर्ज पर एक क्यूआर कोड है जिसमें सीएम की तस्वीर के साथ पेसीएम लिखा है। इस पर स्कैन करने पर यह 40 फीसदी सरकारा नाम की वेबसाइट पर पहुंचती है। यह वेबसाइट बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर पब्लिक वर्क के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाती है। पिछले दिनों ही कांग्रेस ने यह वेबसाइट लॉन्च की थी। मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के बारे में बोलने के लिए कांग्रेस के पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख डी. के. शिवकुमार, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव एवं पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा कई अन्य वरिष्ठ विधायकों ने अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने शहर में वोल्वो कार्यालय के सामने रेस कोर्स की दीवार पर ‘पे-सीएम’ पोस्टर चिपका दिए। बाद में, कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और सार्वजनिक स्थलों से पोस्टर हटा दिए गए।
बीजेपी पर कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस नेता बी.के. हरिप्रसाद और पार्टी के अन्य नेताओं ने उस बस पर पोस्टर चिपका दिया, जिसमें सवार कर पुलिसकर्मी इन नेताओं को पुलिस थाने ले गए थे। कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख शिवकुमार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने नेताओं के जन्मदिन के और अन्य पोस्टर अवैध रूप से लगाए थे, लेकिन कांग्रेस के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
शिवकुमार ने कहा, ‘यह अभियान राज्य में हर जगह चलाया जाएगा। हम यहां नहीं रूकेंगे।’ हिरासत में लिए गए सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘40 प्रतिशत कमीशन लेने वाली बोम्मई सरकार इतनी हतोत्साहित है कि उसने कानून व्यवस्था बहाल करने के बजाय कर्नाटक पुलिस को पोस्टर हटाने और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंप दी है।’
बीजेपी दफ्तर के बाहर चिपकाए गए पोस्टर
पार्टी ने शुक्रवार को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में बीजेपी के नेलमंगला कार्यालय की दीवारों पर भी ‘पे-सीएम’ पोस्टर चिपका दिए। पार्टी के नेताओं ने अपने ‘पे-सीएम’ अभियान की तस्वीरें मीडिया के साथ साझा कीं। वहीं, मुख्यमंत्री बोम्मई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी कई घोटालों में संलिप्त थी और उसे भ्रष्टाचार के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बगैर कोई साक्ष्य के बोलने का रवैया लंबा नहीं चलेगा।’
ठेकेदारों ने लगाया था 40 % कमीशन मांगने का आरोप
सीएम कहा कि सरकार ने एक ‘ठेकेदार एसोसिएशन’ (ठेकेदारों के संघ) की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर विस्तृत जवाब दे दिया है। गौरतलब है कि ठेकेदारों के संघ ने आरोप लगाया था कि मंत्री निर्माण कार्यों को मंजूरी देने के लिए 40 प्रतिशत ‘कमीशन’ मांगते हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यह एसोसिशन कांग्रेस की ओर से प्रायोजित है और इसलिए वह जानते हैं कि उसके आरोपों में कोई दम नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘अगर शिकायत दायर की जाती है तो सरकार जांच कराने को तैयार है।’ उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर बहस करने को तैयार हैं और कांग्रेस को आरोप लगाने के बजाय सबूत पेश करने की चुनौती दी। बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रमुख नलिन कुमार कटील ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि 1947 से देश में शासन करने वाली कांग्रेस ने काफी भ्रष्टाचार किया है।