बेंगलुरु. कर्नाटक की एक अदालत ने कहा है कि राज्य में पुलिस सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की गंभीरता मौत या उम्रकैद की सजा वाले अपराधों से ज्यादा है. कलबुर्गी की सत्र अदालत, जहां गत अप्रैल में इस घोटाले का खुलासा हुआ था, ने इस मामले की मुख्य आरोपियों में से एक, पूर्व भाजपा पदाधिकारी दिव्या हागरागी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. सीआईडी ने हागरागी को 29 अप्रैल को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सत्र न्यायाधीश हेमावती ने इस मामले में पिछले सप्ताह कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के सहायक कमांडेंट वैजनाथ रेवूर सहित अन्य की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं. कर्नाटक पुलिस के अधिकारी वैजनाथ पर आरोप है कि, उनकी जिम्मेदारी सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के केंद्रों पर सुरक्षा प्रदान करने की थी, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर परीक्षा केंद्र में कुछ अभ्यर्थियों को नकल करने की सुविधा प्रदान की थी. अदालत ने शनिवार को दिव्या हागरागी की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने एक महिला होने के नाते खुद का विशेष ध्यान रखे जाने की मांग की थी.
कोर्ट ने आरोपियों की जमानत खारिज की
दिव्या हागरागी की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा, ‘अपराध की गंभीरता और बड़े पैमाने पर समाज पर इसके प्रभाव को देखा जाना चाहिए. परीक्षा देने वाले मेधावी उम्मीदवारों को याचिकाकर्ता और अन्य आरोपी व्यक्तियों के इस कृत्य के कारण नुकसान उठाना पड़ा है. सरकारी नौकरी के लिए भर्ती के संबंध में पारदर्शिता की अपेक्षा रखने वाले समाज के उत्थान पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. बेशक, ऐसे अपराधों में मौत या आजीवन कारावास का दंड नहीं है, लेकिन अभियुक्त व्यक्तियों द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता उस अपराध से अधिक है, जिसमें मौत या आजीवन कारावास के दंड का प्रावधान है.’
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्रियों का अवलोकन करने पर, प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि इस याचिकाकर्ता [दिव्या हागरागी] ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर, पीएसआई के पद पर भर्ती प्रक्रिया प्रणाली को एक व्यावसायिक लेनदेन बनाया, न कि रोजगार. और इन्होंने फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और साजिश से पूरी भर्ती प्रणाली को हिलाकर रख दिया.’ सुनवाई के दौरान, राज्य के अभियोजकों ने अदालत को बताया कि सब-इंस्पेक्टर बनने के लिए चुने गए 545 उम्मीदवारों में से 75 प्रतिशत फर्जीवाड़े में शामिल थे. सीआईडी ने अब तक इस परीक्षा में बैठने वाले 42 उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया है.
क्या है कर्नाटक सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला?
सब-इंस्पेक्टर भर्ती में CID द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली की रिपोर्ट देने के बाद कर्नाटक सरकार ने पिछले महीने परीक्षा के परिणाम रद्द कर दिए थे. यह घोटाला तब सामने आया जब यह पाया गया कि कलबुर्गी से चयनित उम्मीदवारों में से एक, वीरेश के, ने परीक्षा में 121 अंक प्राप्त किए थे, और उसने वस्तुनिष्ठ खंड में केवल 31.5 अंकों के प्रश्नों का उत्तर दिया था. केवल 21 सवालों के जवाब देने वाले उम्मीदवार की भर्ती की खबर सोशल मीडिया पर फैल जाने के बाद कई उम्मीदवार जिनका चयन नहीं हुआ था, उन्होंने सरकार से संपर्क किया. इस भर्ती परीक्षा के लिए कुल 54,287 उम्मीदवारों ने 3 अक्टूबर, 2021 को लिखित परीक्षा दी थी. जनवरी 2022 में कुल 545 उम्मीदवारों का चयन हुआ था.