प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) कर्नाटक विधान सभा चुनाव से पहले बीते बुधवार को कर्नाटक दौरे पर थे. इसी दौरान वो अंकोला में दो आदिवासी महिलाओं से मिले. पीएम मोदी तुलसी गौड़ा (Tulsi Gowda) और सुकरी बोम्मगौड़ा (Sukri Bommagowda) ने दोनों को सिर झुकाकर प्रणाम किया. जब एक महिला ने प्रधानमंत्री के पैर छुए तो प्रधानमंत्री ने भी महिला के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
पीएम मोदी ने जब तुलसी गौड़ा के आगे सिर झुकाया तो गौड़ा ने उनके सिर पर हाथ फेरा. इसके बाद गौड़ा उनके आगे झुक गईं, पीएम मोदी ने भी उन्हें झुककर प्रणाम किया.
तुलसी गौड़ा एक पर्यावरणविद हैं जिन्हें एन्साइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट (Encyclopedia of Forest Tulsi Gowda) भी कहा जाता है. पढ़ी-लिखी नहीं हैं तुलसी लेकिन उ्होंने अपने जीवन में हज़ारों पौधे लगाए हैं. उन्हें पेड़-पौधों की बहुत ज़्यादा जानकारी है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2021 तुलसी गौड़ा को पौधे लगाने के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया था.
होनाली गांव की तुलसी की उम्र 80 से ज़्यादा है लेकिन वो आज भी पेड़-पौधों की मां की तरह देखभाल करती हैं. वो कर्नाटक वन विभाग को जंगल और पर्यावरण पर सुझाव भी देती हैं.
पीएम से मिलने के बाद तुलसी गौड़ा ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी हुई कि पीएम दिल्ली से अंकोला हमसे मिलने आए. मैं उनसे दिल्ली में भी मिली थी. हम सभी उन्हें देखकर बहुत खुश हैं.’
कौन हैं सुकरी बोम्मगौड़ा?
सुकरी बोम्मगौड़ा को हलक्की वोक्कालिगा जनजाति की कोकिला (Halakki Vokkaliga Tribe) कहा जाता है. सुकरी ने 12 साल की उम्र में गाना शुरू किया और उन्हें संगीत की तालीम अपनी मां से मिली. वो तकरीबन 7000 लोक गीत गा सकती हैं. उन्हें 2017 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद्म श्री से सम्मानित किया. सुकरी को संगीत के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं.
पीएम मोदी से मिलने के बाद सुकरी ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि पीएम मोदी अंकोला आए. पहली बार कोई प्रधानमंत्री यहां आए हैं. हम सभी बहुत खुश हैं. मैंने उन्हें प्रेम और आशीर्वाद दिया.’
सुकरी ने सरकार से एक अनुरोध भी किया. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि उनकी जनजाति को ST कैटेगरी में शामिल किया जाए. सुकरी ने कहा, ‘पद्म श्री मिलने के बाद मैं बहुत खुश थी. मेरी हलक्की वोक्कालिगा को भी गर्व महसूस हुआ. मेरा सरकार से एक निवेदन है कि मेरी जनजाति को ST वर्ग में शामिल किया जाए. इससे मेरे समुदाय को और बच्चों के भविष्य को सुरक्षा मिलेगी.’