गांधी परिवार पिछले दो दिन काबिनी के एक रिसॉर्ट में बिताने के बाद गुरुवार सुबह हेलीकॉप्टर से पांडवपुरा पहुंचा। यहां भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी का शामिल होना सबसे अहम फैक्टर रहा। इस दौरान बेटे राहुल गांधी के साथ ही पार्टी नेता शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी मौजूद रहे। इसके साथ ही पार्टी के अन्य नेताओं के साथ चलते हुए हजारों उत्साहित कांग्रेसियों ने यात्रा का उत्साह बढ़ाया। हालांकि यात्रा के दौरान देखने को मिला कि सोनिया गांधी स्वास्थ्य के चलते ज्यादा पैदल नहीं चलीं और 2 किमी चलने के बाद ही कांग्रेसियों की तरफ से उन्हें कार में बैठने के लिए कहा गया। इस दौरान यह भी देखने को मिला कि किस तरह से राहुल गांधी मां सोनिया गांधी के जूते के फीते बांधते हुए नजर आए। इस तस्वीर ने भी यात्रा के दौरान काफी सुर्खियां बटोरीं। मां सोनिया को कार में बैठाने के बाद राहुल गांधी यात्रा के साथ आगे बढ़ गए।
कांग्रेस राज्य प्रमुख शिवकुमार ने कहा कि, “विजयादशमी के बाद कर्नाटक में विजय होगी। हमें गर्व है कि सोनिया गांधी कर्नाटक की सड़कों पर यात्रा में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि हम राज्य में सत्ता में आएंगे और बीजेपी की दुकान बंद होने की राह पर है। वहीं सिद्धारमैया ने मीडिया से बातचीत में दावा करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से बीजेपी पूरी तरह से डरी हुई है।”
60 सीटों पर वोक्कालिगा का दिखता है असर
कर्नाटक में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अगले चरण में चामराजनगर, मैसूर, मांड्या, तुमकुर चित्रदुर्ग, रायचूर और बेल्लारी से होकर गुजरेगी। यहां पर 60 से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी है जहां पर वोक्कालिगा समुदाय का खासा प्रभावशाली असर है, इसके साथ ही यह चुनावी बाजी पलटने में भी निर्णायक रहा है। बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस यहां काफी करीबी दावेदार हैं। कांग्रेस की यात्रा में प्रियंका गांधी वाड्रा के भी शामिल होने की उम्मीद है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह इस क्षेत्र में जेडीएस को बाहर कर देगी और 2023 के शुरुआती छह महीनों में कर्नाटक की लड़ाई में खुद को सत्तारूढ़ बीजेपी के सामने मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में पेश करेगी। अगर वोक्कालिगा बेल्ट में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहता है तो यह शिवकुमार को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने में भी काफी सहायक रहेगा।
कर्नाटक के कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार से जब इसको लेकर सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस देवेगौड़ा परिवार के गढ़ (जेडीएस ने 2018 में सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करके) मांड्या में वर्चस्व स्थापित कर लेगी। तो इस पर शिवकुमार, जो पड़ोसी रामनगर जिले से आते हैं, उनका कहना था कि “यह अब देवेगौड़ा का गढ़ नहीं है। यह अब डीके शिवकुमार का गढ़ है।” वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवकुमार को गौड़ा परिवार के वोक्कालिगा चैलेंजर के रूप में पेश करना रणनीति का हिस्सा रहा है।
वहीं इस इलाके को लेकर अगर बीजेपी की बात करें तो पार्टी यहां पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। बीजेपी समर्थित निर्दलीय कंडिडेट सुमलता ने साल 2019 में से मांड्या लोकसभा सीट जीती। इसके साथ ही मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा, महासचिव सीटी रवि और एसएम कृष्णा भी वोक्कालिगा समुदाय के प्रमुख चेहरे हैं, जोकि बीजेपी से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपने लिए कितनी संभावनाएं बढ़ा पाएगी यह देखना काफी दिलचस्प होगा।