एक तरफ जहां ‘लाइगर’ में विजय देवरकोंडा स्ट्रीट फाइटर बनकर सबके होश उड़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खबर है कि कार्तिक आर्यन, कबीर खान की आने वाली एक फिल्म में स्ट्रीट फाइटर बनने वाले हैं। साउथ के बाद अब बॉलीवुड में यही ट्रेंड शुरू होता नजर आ रहा है।
बॉलीवुड और साउथ दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई फिल्में बनी हैं, जिनमें स्ट्रीट फाइटिंग और बॉक्सिंग देखने को मिली। अगर याद हो तो 2017 में आई फिल्म ‘मुक्काबाज’ इसी सब्जेक्ट पर आधारित थी। फिल्म में विनीत कुमार सिंह एक मुक्केबाज बने थे। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई थी और कई अवॉर्ड भी जीते थे। स्ट्रीट फाइटिंग पर 2015 में एक और फिल्म आई थी ‘ब्रदर्स’ जिसमें अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम बॉक्सर्स बने थे। हालांकि इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर बुरा हश्र रहा था।
रणबीर कपूर भी फिल्म ‘बॉम्बे वेल्वेट’ में स्ट्रीट फाइटर के रोल में नजर आए थे। फरहान अख्तर ने भी पिछले साल आई फिल्म ‘तूफान’ में एक स्ट्रीट फाइटर यानी बॉक्सर का रोल प्ले किया था। इसी तरह साउथ की भी कई फिल्में रहीं, जिनमें स्ट्रीट फाइटिंग और बॉक्सिंग को अहम हिस्सा बनाया गया। फिल्म ‘राष्ट्रगीत’ में स्ट्रीट फाइटिंग देखने को मिली। वहीं 2019 में आई तमिल फिल्म ‘वांडू’ पूरी तरह से स्ट्रीट फाइटिंग पर आधारित थी।
बीते 5 साल में स्ट्रीट फाइटिंग पर एक ही हिंदी फिल्म
पिछले कुछ साल में बॉलीवुड में स्ट्रीट फाइटिंग पर जितनी भी फिल्में बनी हैं, उन पर अगर नजर डालें तो ‘मुक्काबाज’ को छोड़कर ज्यादातर का हश्र बहुत बुरा रहा है। शायद यही वजह रही कि बीते पांच साल में (2017 के बाद से अब तक) स्ट्रीट फाइट और बॉक्सिंग पर सिर्फ एक ही फिल्म बनी ‘तूफान’ और वो भी बुरी तरह फ्लॉप रही। ऐसे में किसी ने भी फिर से उसी सब्जेक्ट पर फिल्म बनाना सही नहीं समझा। लेकिन अब कार्तिक आर्यन एक फिल्म में स्ट्रीट फाइटर बनने वाले हैं। खबर है कि वो इस रोल की तैयारियों में भी जुट गए हैं।
Liger से जगीं बॉलीवुड वालों की उम्मीदें
लेकिन अब साउथ में ‘लाइगर’ के जरिए एक बार फिर स्ट्रीट फाइटिंग का दौर लौट आया है और इसने एक बार फिर बॉलीवुड में भी उम्मीदें जगा दी हैं। अब बॉलीवुड वाले भी स्ट्रीट फाइटिंग में एक बार फिर उतर जाना चाहते हैं। क्या पता इस बार नैय्या पार लग जाए। दरअसल बॉलीवुड कहीं न कहीं साउथ सिनेमा के ट्रेंड को फॉलो करता रहा है। पिछले कुछ समय में साउथ में जिस फ्लेवर की फिल्में बनी हैं, वैसा ही कुछ फ्लेवर कहीं न कहीं हिंदी फिल्मों में देखने को मिल रहा है। इसका ताजा उदाहरण रणबीर कपूर की फिल्म ‘शमशेरा’ है। फिल्म का ट्रेलर देखते ही लोगों ने इसे साउथ की दो फिल्मों ‘केजीएफ’ और ‘पुष्पा’ का मिश्रण बता दिया था। कुछ ने तो यह तक कह दिया कि यह फिल्म ‘केजीएफ का बाप’ है।
साउथ और बॉलीवुड में बनता रहा है एक-दूसर की फिल्मों का रीमेक
साउथ की ऐसी कई फिल्में रही हैं, जिनका बॉलीवुड में रीमेक बना। इसी तरह बॉलीवुड की भी कई फिल्में रहीं, जिन्हें साउथ में अन्य भाषाओं में डब किया गया। ‘थलाइवा’ रजनीकांत ने तो अपने करियर में अमिताभ बच्चन की कई फिल्मों के हिट रीमेक किए हैं। कहा जाता है कि रजनीकांत अगर बड़े स्टार बने तो इसमें अमिताभ बच्चन का हाथ रहा। ऐसे में अगर बॉलीवुड एक बार फिर साउथ के नक्शेकदम पर चलते हुए स्ट्रीट फाइटिंग पर फिल्म बनाता है तो क्या बुरा है?
साउथ में स्ट्रीट फाइटिंग पर बनीं फिल्मों का हाल
साउथ में अब तक जितनी भी स्ट्रीट फाइटिंग और बॉक्सिंग पर फिल्में बनी हैं, उन्हें बॉक्स ऑफिस पर ठीक-ठाक रिस्पॉन्स ही मिला है। फिर चाहे वो वेंकटेश की ‘गुरू’ हो या फिर किच्चा सुदीप की ‘पहलवान’। अब ‘लाइगर’ में विजय देवरकोंडा स्ट्रीट फाइटर बनकर लौटे हैं। ताबड़तोड़ एक्शन और एकदम रस्टिक लुक में विजय देवरकोंडा ने फैंस को भी इम्प्रैस कर दिया है। ऐसे में बॉलीवुड फिल्ममेकर्स के दिलों में भी यह इच्छा हिलौरे मारने लगी है कि स्ट्रीट फाइटिंग और बॉक्सिंग पर फिल्में बनाई जाए। करण जौहर तो हिंदी बेल्ट में विजय देवरकोंडा की ‘लाइगर’ को प्रेजेंट कर ही रहे हैं। इस फिल्म में उन्होंने पैसा भी लगाया है। अब देखना यह है कि कबीर खान स्ट्रीट फाइटिंग पर जो फिल्म लेकर आ रहे हैं वो क्या कमाल दिखा पाते हैं।
क्या कार्तिक आर्यन दिखा पाएंगे दमखम?
स्ट्रीट फाइटर बनकर विनीत कुमार सिंह के अलावा अब तक एक भी बॉलीवुड एक्टर कमाल नहीं दिखा पाया है। देखना यह होगा कि कार्तिक आर्यन ‘स्ट्रीट फाइटर’ बन कितना सफल रहेंगे। ‘भूल भुलैया 2’ की सक्सेस के बाद से कार्तिक आर्यन के पास ढेरों फिल्म ऑफर्स हैं। अब तक लोगों ने उन्हे पर्दे पर हल्के-फुल्के रोल और रोमांस करते हुए ही देखा होगा, पर अब पहली बार वह एक्शन करते नजर आएंगे।