FIR के ‘गोलू’ की मदद करेंगी कविता कौश‍िक, तंगी से जूझ रहे ईश्‍वर ठाकुर बीमारी में नहीं खरीद पा रहे डायपर

‘एफआईआर’ और ‘भाबी जी घर पर हैं’ जैसे शो में नजर आ चुके ईश्वर ठाकुर यूरीन होल्ड नहीं कर पाते और अब उनके पास डायपर तक खरीदने को पैसे नहीं। इंडस्ट्री ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है और अब कविता कौशिक ने क्राउड फंडिंग शुरू की है।

kavita kaushik came forward to help ishwar thakur started crowdfunding
ईश्वर ठाकुर की मदद में आईं कविता कौशिक

टीवी के पॉप्युलर शो ‘एफआईआर’ और ‘भाबी जी घर पर हैं’ में नजर आ चुके ईश्वर ठाकुर की किडनी से जुड़ी बीमारी की खबर हाल ही में सामने आई। उन्होंने बताया था कि उनकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही, इलाज के पैसे भी नहीं और यहां तक यूरीन की समस्या की वजह से डायपर तक खरीदने के भी पैसे उनके पास नहीं हैं। ईश्वर ठाकुर के इस दर्दनाक सच की खबर जैसे-जैसे इंडस्ट्री में फैलती गई, वे उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाने लगे। उनकी मदद के लिए ‘चंद्रमुखी चौटाला’ फेम कविता कौशिक भी सामने आई हैं और उनके लिए काउड फंडिग इकट्ठा करने का काम कर रही हैं।

कविता कौशिक ने मांगी ईश्वर ठाकुर के लिए मदद

कविता कौशिक ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया है और लोगों से ईश्वर के मदद की मांग की है। कविता ने लिखा है, ‘ईश्वर ठाकुर की मदद करिए, मैं उन्हें FIR के समय से जानती हूं। वह एक डिस्टर्ब फैमिली से हैं।’ उन्होंने लोगों ने उन्हें मदद करने की मांग की है। इस पोस्ट में उनके बैंक और फोन पे का डीटेल भी शेयर किया है।

ईश्वर का भाई मेंटली स्टेबल नहीं और फैमिली फाइनैंशली कमजोर है

कविता कौशिक ने इस बारे में आजतक से भी बातचीत में बताया कि ईश्वर का भाई मेंटली स्टेबल नहीं और फैमिली फाइनैंशली कमजोर है और इसीलिए उन्हें हमारे शो FIR में लिया भी गया था। उन्होंने कहा था कि उनके हिसाब से ही उनका गोलू वाला किरदार भी तैयार किया गया था, क्योंकि वह स्लो थो और कई बार अपना डायलॉग भी भूल जाते थे। कविता ने बताया कि शो के दौरान लोग अक्सर उनकी मदद करते थे और कोशिश करते थे कि उनका रोल जरूर दिखे। अब चूंकि शो बंद हुए 7-8 साल हो गए हैं, ऐसे में सबका कनेक्शन टूट गया। लॉकडाउन के दौरान ईश्वर ने कविता को कॉल करके बताया कि उनकी हालत काफी खराब हो गई है।

ताकि मेडिकल जरूरतें और बेसिक जरूरते पूरी होती रहे

हालांकि, कविता ने मीडिया से जब उनके हालत का पता लगा तो उन्होंने इंडस्ट्री फ्रेंड्स से 50 हजार इकट्ठा करके उन्हें दिए और क्राउड फंडिंग में जुटी हैं। उन्होंने कहा, वह चाहती हैं कि क्राउड फंडिंग के जरिए कम से कम इतना अमाउंट जमा हो जाए कि उनकी मेडिकल जरूरतें और बेसिक जरूरते पूरी होती रहे।

वह अपना यूरीन तक होल्ड नहीं कर पाते और डायपर खरीदने के भी पैसे नहीं

बता दें कि हाल ही में आज तक से हुई बातचीत में ईश्वर ठाकुर ने अपनी इस बीमारी पर खुलकर बातचीत की थी। अपना दर्द सुनाते हुए उन्होंने कहा था किडनी की समस्या के चलते उनके पैरों में सूजन हैं और वह अपना यूरीन तक होल्ड नहीं कर पाते। इस समस्या से बचने के लिए वह डायपर इस्तेमाल किया करते थे, लेकिन अब उनके पास डायपर तक खरीदने के पैसे भी नहीं हैं। इसी के साथ उन्होंने दिल पसीझने वाली बात कही थी। उन्होंने बताया था कि वह अब डायपर की जगह रद्दी न्यूज़पेपर का इस्तेमाल किया करते हैं।

2 साल से उनकी मां भी डायपर पर ही चल रही थीं, उनके लिए भी नहीं बचे पैसे

उन्होंने कहा था- मेरी आर्थिक हालत ऐसी नहीं कि मैं किसी अच्छे डॉक्टर को दिखा सकूं। उन्होंने कहा था कि ऐसी जिंदगी से उन्हें अब मौत बेहतर लगने लगी है, लेकिन मां और भाई को ऐसी हालत में अकेला नहीं छोड़ सकते। इतना ही नहीं, उनपर दुख का पूरा पहाड़ ही टूटा हुआ है। उन्होंने ये भी बताया था कि साल 2020 से उनकी मां भी बिस्तर पर ही है। उन्होंने यह बताते हुए कहा था कि वह भी 2 साल से डायपर पर ही चल रही थीं लेकिन अब उनके लिए डायपर खरीदने के पैसे नहीं बचे तो उन्हें अपने कपड़ों में ही टॉयलेट करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया था कि उनके इस हाल की वजह से अब कोई काम भी देने के लिए तैयार नहीं है।