मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मानवीय दृष्टिकोण के चलते प्रदेश के निराश्रित बच्चे अब चिल्ड्रेन ऑफ़ स्टेट बन गए हैं। शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक केवल सिंह पठानिया ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश विधानसभा में हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक, 2023 पास करने की घटना को ऐतिहासिक बताते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक पारित होने के बाद राज्य के 6 हजार निराश्रित बच्चों को अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशीलता के चलते हिमाचल प्रदेश इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य है, जहां पर 101 करोड़ रुपए से कोष की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि इससे सरकार 27 वर्ष की आयु तक के निराश्रित बच्चों के माता-पिता की भूमिका में रहकर उनकी पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगी। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के बाद मकान बनाने के लिए 3 बिस्वा जमीन भी उपलब्ध करवाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके तहत एम.बी.बी.एस. और पीएचडी जैसी उच्च शिक्षा के लिए सरकार मदद करने के अलावा अलग से 4 हजार रुपए की पॉकेट मनी भी देगी। सर्दी और गर्मी में अलग-अलग कपड़ों के लिए 10 हजार रुपए देगी।