Khandwa News Update: मध्य प्रदेश के खंडवा में सोमवार को स्कूल के एक कार्यक्रम में बच्चों को ले जा रहे एक वाहन को दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने रोक कर हंगामा किया और आयोजकों पर धर्म परिवर्तन कर आरोप लगाया।
खंडवा एमपी के खंडवा जिले स्थित एक स्कूल पर हिंदू संगठनों (Ruckus of Hindu organizations) ने धर्मांतरण का आरोप लगाया है। आनंद नगर स्थित सेंट पायस स्कूल में यूथ फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। व्यक्तित्व विकास के नाम पर कई जिलों से हिंदू युवाओं को बुलाया गया। हिंदू समाज के सभी बच्चों को ईसाई धर्म के बारे में बताया जा रहा था। साथ ही ईसाई धर्म से संबंधित लॉकेट भी उन्हें पहनाया गया था। इस कार्यक्रम में खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर और कई अन्य जिलों से करीब एक हजार युवा पहुंचे थे। इनमें 500 युवक ऐसे थे, जिनका परिवार ईसाई धर्म अपना चुका है।
इन्हें मिशनरी के वाहनों से खंडवा लाया गया था। खबर मिलते ही हिंदू संगठन के लोग वहां पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। साथ ही कार्यक्रम में पहुंचे युवाओं को समझा रहे थे। हिंदू संगठन के विरोध के बीच प्रशासन ने पहुंचकर कार्यक्रम को स्थगित करवाया है। बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, महादेव गढ़ संगठन के कई युवा पहुंचे और बच्चों के नाम पूछे, इनमें कई बच्चे हिंदू परिवार के निकले।
इसके साथ ही युवाओं को लाए जा रहे वाहनों को भी रोका गया है। कई युवाओं को पुलिस थाने ले गई और उनसे पूछताछ की गई। खंडवा के मोघट थाने पर पूछताछ रात तक होती रही। युवाओं का कहना है कि उनके माता-पिता ने क्रिश्चियन धर्म अपना लिया है। कई आदिवासी परिवार के युवाओं का कहना था कि हम ईसाई धर्म की शिक्षा ले रहे हैं और शिक्षा की काउंसलिंग के लिए खंडवा आए थे। यहां तीन से पांच दिन का यूथ फेस्टिवल था।
वहीं, बजरंग दल के लोगों ने कहा कि हिंदू नाम, हिंदू सरनेम होने के बाद भी हिंदुओं को बरगला कर ईसाई मिशनरी ईसाई बनाना चाहते हैं। इन युवाओं को गाड़ियों में भरकर लाया जा रहा था। कई युवाओं के गले में तो ईसाई मिशनरियों के ताबीज भी मिले। प्रशासन को पहले से ही इस कार्यक्रम की सूचना थी। इधर स्कूल के प्रबंधक फादर जॉन्स पिता जॉर्ज का कहना है कि हमने प्रशासन को पहले ही सूचना दी थी। यह यूथ फेस्टिवल है जो कि ईसाई समाज के युवाओं के लिए फेस्टिवल है। इसमें धर्मांतरण जैसा कुछ नहीं है।
वहीं, फादर से पूछा गया कि इसमें किसी के पिता राम तो किसी के चेतराम है तो फिर यह ईसाई कैसे हुए। इस पर फादर ने कुछ नहीं कहा लेकिन हिंदू संगठन सभी बच्चों को वापस भेजा और समझाइश भी दी। हम तुम्हारे भाई हैं और हिंदू धर्म के हैं और आप भी हिंदू समाज के हिस्सा हैं। पुलिस ने भी पूछताछ कर युवाओं को छोड़ दिया। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने यह सवाल किया है कि इतने बड़े कार्यक्रम के लिए फंडिंग कौन कर रहा है। ईसाई मिशनरी स्कूल में सेंड पायस के पास कहां से पैसा आया है। ऐसे कार्यक्रम करने की प्रशासन ने कैसे अनुमति दी।