Rajasthan News: कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालते ही मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘50% युवाओं’ वाला जो फॉर्मूला दिया है, उससे राजस्थान में भूचाल आना तय माना जा रहा है। दरअसल गहलोत कहते रहे हैं अनुभव का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। रगड़ाई के बाद कुछ मिलता है तो उसकी अहमियत समझी जाती है।
जयपुर:कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में बुधवार को पदभार ग्रहण कर लिया। पद संभालते ही खरगे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को साफ कर दिया की हम ‘डरो मत’ की राह पर चलेंगे। इसके साथ ही खरगे ने सीएम गहलोत के सामने ही साफ कर दिया कि उदयपुर में लिए गए संकल्पों को पूरा किया जाएगा। खरगे ने कहा कि संगठन में 50 साल से कम उम्र के लोगों को तरजीह दी जाएगी। पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी में 50 प्रतिशत पद युवाओं को दिए जाएंगे। खरगे के इस बयान से राजस्थान में भूचाल आना तय माना जा रहा है। दरअसल सीएम अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले ही साफ कहा था कि अनुभव का मुकाबला युवा नहीं कर सकते हैं। अनुभव की जगह कोई नहीं ले सकता है। खरके के बयान माना जा रहा है कि राजस्थान में गहलोत-पायलट के बीच फिर से पावर का गेम शुरू हो सकता है।
खरगे ने अपने भाषण में कहा कि ‘उदयपुर के चिंतन शिविर में पार्टी के लिए जो ब्लू प्रिंट तैयार हुआ था, उसे लागू करने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। उदयपुर में हमने तय किया था कि युवाओं को पार्टी में आगे बढ़ाया जाएगा। संगठन में 50 प्रतिशत पद 50 से कम उम्र के लोगों को दिए जाएंगे। पार्टी को मजबूत करने के लिए ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खाली पदों को भरा जाएगा। सभी राज्यों में जल्द ही पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी बनेगी।
खरगे के भाषण में पूरा फोकस युवाओं पर
कांग्रेस के नए अध्यक्ष खरगे ने अपने भाषण में पूरा फोकस युवाओं पर रखा। खरगे के बयान को अगर राजस्थान के संदर्भ में देखा जाए तो कई मायने निकलते हैं। दरअसल राजस्थान की राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर पार्टी ‘50% युवाओं को पद’ वाला फॉर्मूला लागू करती है तो इसका बड़ा असर राजस्थान की राजनीति पर देखने को मिल सकता है। खरगे का बयान सचिन पायलट के लिए मुफीद माना जा रहा है।
खरके का बयान सचिन पायलट के लिए पॉजिटिव
खरगे के बयान से एक बात साफ हो गई है कि राजस्थान में बदलाव के साथ पार्टी इसकी शुरुआत कर सकती है। माना जा रहा है कि बीते दिनों जयपुर आए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में हुए सियासी ड्रामे के बाद अब राजस्थान कांग्रेस संगठन में बदलाव होगा। ऐसे में पीसीसी चीफ से लेकर जिला स्तर तक राजस्थान कांग्रेस में युवाओं को मौका मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसका फायदा सचिन पायलट को होता दिखता है। पायलट के समर्थन में जो लोग हैं, उनमें ज्यादातर युवा विधायक और कार्यकर्ता हैं। ऐसे में इसे पायलट के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
गहलोत का पार्टी पर दबदबा
हालांकि गहलोत का पार्टी में दबदबा जरूर है। इसकी बानगी इस बात से पता चलती है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के वक्त हर विधानसभा से 414 पीसीसी सदस्य चुने गए थे। इनमें से ज्यादातर अशोक गहलोत के नजदीकी थे। इनमें भी युवा डेलिगेट्स की संख्या काफी कम थी। इसके अलावा गहलोत के मंत्रिमंडल, निगम और बोर्ड की नियुक्तियों में भी ज्यादातर चेहरे उम्रदराज और अनुभवी हैं। गहलोत के आसपास युवा कम ही नजर आते हैं।