North Korea Recent Missiles Test : उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपने मिसाइल परीक्षणों की संख्या बढ़ा दी है। इनमें ज्यादातर मिसाइलें न्यूक्लियर वारहेड ले जाने में सक्षम हैं। माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया पांच साल में अपने पहले परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है जिससे पूरी दुनिया की चिंता बढ़ी हुई है।
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प्योंगयांग : उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अब खबर आ रही है कि उत्तर कोरिया ने दो लॉन्ग रेंज स्ट्रेटेजिक क्रूज मिसाइलें दागी हैं। लंबे समय तक चुप रहने के बाद अब किम जोंग उन एक बार फिर देश की परमाणु हमले की क्षमता का खुलकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA ने गुरुवार सुबह जानकारी दी कि यह परीक्षण बुधवार को हुआ और इसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए कोरियन पीपुल्स आर्मी की ओर से तैनात क्रूज मिसाइलों की ‘लड़ाकू दक्षता और शक्ति’ को बढ़ाना था।
उत्तर कोरिया की ओर से यह हालिया मिसाइल परीक्षण था जिसने कोरिया प्रायद्वीप पर तनाव को बढ़ा दिया है। अब इस बात की आशंका बढ़ गई है कि उत्तर कोरिया पांच साल में अपना पहला परमाणु परीक्षण कर सकता है। न्यूज एजेंसी ने बताया कि क्रूज मिसाइलों ने समुद्र के ऊपर 2000 किमी की यात्रा की और दावे के अनुसार अपने टारगेट को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। किम जोंग उन ने इस टेस्ट को ‘दुश्मन’ के लिए एक और स्पष्ट चेतावनी करार दिया है।
उत्तर कोरिया ने दागी बैलिस्टिक मिसाइल
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने सोमवार को जानकारी दी कि किम ने दो हफ्ते की गाइडेड न्यूक्लियर टैक्टिकल एक्सरसाइज का जायजा लिया। इस अभ्यास में एक नई IRBM (इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल) का परीक्षण भी शामिल था जिसे जापान के ऊपर लॉन्च किया गया था। उत्तर कोरिया ने साउथ कोरिया और अमेरिका के संयुक्त नौसैनिक अभ्यास, जिसमें परमाणु-सक्षम एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन भी शामिल था, के विरोध में मिसाइल लॉन्च की थी।
परमाणु हमले का जवाब देने की तैयारी
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया एक समय पर देश के हथियारों के परीक्षण पर नियमित रूप से रिपोर्ट करती थी लेकिन हाल के महीनों में उसने ऐसा करना बंद कर दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि इस नए ‘प्रचार’ पर भरोसा नहीं किया जा सकता लेकिन इन परीक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। विशेषज्ञों की मानें तो चूंकि उत्तर कोरिया के पास सबमरीन की अच्छी तकनीक नहीं है इसलिए वह चाहता है कि अमेरिका या किसी अन्य देश की ओर से परमाणु हमले की स्थिति में उसके पास जवाबी हमले की ताकत मौजूद हो।