नाहन, 11 अक्तूबर : हिमाचल के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के हर्बटपुर कस्बे के एक आइसक्रीम की रेहड़ीवाले सुभाष की उदारता की बदौलत किंशुक परमार सलामत मिल गया है। बीती शाम से ही परिवार बच्चे की तलाश में दर-ब-दर की ठोकरें खा रहा था। मां की आंखें भी पथरा गई थी।
उत्तराखंड की सीमा में कुल्हाल बैरियर की सीसी फुटेज से इस बात का अंदाजा तो लग गया था कि किंशुक सीमा पार चला गया है, लेकिन आगे का लिंक नहीं मिल रहा था। रात भर परिवार ने जाग कर काटी। सुबह एक सुखद खबर मिली कि किंशुक उत्तराखंड की हर्बटपुर पुलिस के पास है।
उल्लेखनीय है कि रेहड़ी वाले ने बालक से उसके घर का पता पूछने की भरसक कोशिश की, लेकिन वो कुछ भी बताने को तैयार नहीं था।
सर्च में जुटा हरेक शख्स ये जानना चाहता था कि उसने रात कहां बिताई। इसके बाद पता चला कि किंशुक की मुलाकात हर्बटपुर में एक रेहड़ी वाले से हुई। जिसने न केवल उसे दुलार दिया, बल्कि अपने पास उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप रात को अपने पास ठहराया। रेहड़ी वाले सुभाष ने ही हर्बटपुर पुलिस को किंशुक के बारे में जानकारी दी।
चूंकि, बीती देर शाम ही किंशुक की गुमशुदगी को लेकर पड़ोसी राज्य के सीमांत कस्बों में भी पांवटा साहिब पुलिस ने अलर्ट भेजा हुआ था, लिहाजा हर्बटपुर पुलिस को भी रेहड़ी वाले की बात समझने में देरी नहीं हुई।
बता दें कि पांवटा साहिब से हर्बटपुर की दूरी करीब 8-10 किलोमीटर की है। बच्चा पैदल ही हर्बटपुर तक पहुंच गया था। रास्ते में नहर भी पड़ती है। इसके अलावा रास्ते में डैम का जलाशय भी है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में किंशुक के अंकल प्रशांत परमार ने फोन पर बताया कि वो समूचा परिवार रेहड़ी वाले का शुक्रगुजार है। उन्होंने बताया कि बच्चे के मिलने पर समूचा परिवार राहत महसूस कर रहा है। उन्होंने बार-बार रेहड़ी वाले का आभार भी प्रकट किया। साथ ही कहा कि उस व्यक्ति से फिलहाल मुलाकात नहीं हुई है, लेकिन वो जल्द ही रेहड़ी वाले से मुलाकात कर उसका आभार प्रकट करना चाहेंगे।