Dussehra 2022 Ravan Dahan : दशहरे के पर्व को देशभर में अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है और इस दिन नवरात्रि के पर्व का समापन भी हो जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरे के दिन ही भगवान राम ने रावण और माता दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था इसलिए इस पर्व को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। दशहरे के दिन रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला जलाने की परंपरा रही है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी रावण के पुतले से निकलने वाली आग की लपटें आपके आने वाले साल के बारे में संदेश देती हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, रावण दहन की लपटें जिस दिशा में जा रही हैं, उस क्षेत्र में बदलाव के संकेत देती हैं। जानें कि दिशा के अनुसार इनका क्या मतलब होता है।
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उत्तर दिशा की ओर
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, रावण दहन के बाद निकलने वाली लपटें अगर उत्तर की ओर हों तब उस क्षेत्र में संपत्ति और समृद्धि आती है। उस वर्ष क्षेत्र का विकास होता है और वहां रहने वाले लोगों को जीवन में कई तरह के शुभ बदलाव आते हैं।
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पूर्व दिशा की ओर
रावण दहन की आग की लपटें, अगर पूर्व दिशा की ओर हैं तो आने वाले साल में इस क्षेत्र में सुख-शांति रहेगी और लोगों में सद्भाव बना रहेगा। लोग धर्म-कर्म का कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
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पश्चिम दिशा की ओर
रावण दहन की आग की लपटें अगर पश्चिम दिशा में हैं तो यह शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इस क्षेत्र में विरोध बढ़ सकता है। लोगों में आक्रोश और उत्तेजना अधिक हो सकती है। किसी ना किसी वजह से समाज में परेशान हो सकती है।
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दक्षिण दिशा की ओर
रावण दहन की आग की लपटें अगर दक्षिण दिशा की ओर हैं तो यह भी शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इस दिशा की ओर आगे लपटें इस बात का संकेत मानी जाती हैं कि क्षेत्र में कोई अनहोनी और अशुभ घटना हो सकती है। इस दिशा में अग्नि की लपटें होनें पर लोगों को सचेत रहना चाहिए।
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रावण दहन के बाद करें यह काम
दशहरे का दिन खास तौर पर शाम का समय बहुत शुभ माना जाता है। दशमी तिथि को तारा उदय होने से सर्व कार्य सिद्ध योग बनता है और रावण दहन के बाद नीलकंठ को देखा बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही रावण दहन के बाद रावण की अस्थियों को घर पर लाने से सभी नकारात्मकता दूर हो जाती है।