जानें कहां से शुरू हुआ था कोहिनूर का सफर और कैसे पहुंचा रानी विक्टोरिया के ताज पर..

होर्टेंसो बोर्जिया ने कोहिनूर की दुर्दशा कर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए।

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बाबार का मानना था हीरा जिसके हाथों में होगा वहीं सबसे ताकतवर होगा।

हम सभी ने कोहिनूर हीरा के विषय में कई बार सुना और जाना भी है लेकिन क्या आप इस बेशकीमती हीरे की कहानी जानते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं। जानकारी के अनुसार इस हीरे का जिक्र पहली बार बाबर की आत्मकथा में मिलता है। बाबर कहता है कि उसके बेटे ने उसे यह तोहफे के रूप में दिया था। बाबरनामा में यह लिखा हुआ है कि पानीपत की लड़ाई में सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर आगरा किले की सारी दौलत हुमायूँ ने अपने कब्जे में ले ली थी।
चमक बढ़ाने के लिए औरंगजेब ने जौहरी को दिया था कोहिनूर
शाहजहां ने जब अपने लिए एक विशेष सिंहासन बनवाया गया तब उसे सोने और कई जवाहरातों से मढ़ा गया था। उस सिंहासन को तख़्त—ए—मुरस्सा कहा गया जिसका नामकरण बाद में मयूर सिंहासन किया गया। इसी मयूर सिंहासन में बाबर का हीरा लगा दिया गया। यह इतना प्रसिद्ध हो गया कि इसे देखने के लिए दुनिया भर के जौहरी आने लगे। उन्हीं जौहरी में से एक थे वेनिस के होर्ट सो बोर्ज़िया। कोहिनूर की चमक बढ़ाने के लिए औरंगजेब ने होर्टेंसो बोर्जिया को दे दिया।

जौहरी ने कर दिए थे टुकड़े

वेनिस के जौहरी ने हीरा ले तो लिया लेकिन जैसा औरंगजेब ने सोचा था वैसा नहीं हुआ। होर्टेंसो बोर्जिया ने कोहिनूर की दुर्दशा कर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए। टुकड़े-टुकड़े होने के कारण वह 739 कैरेट की जगह मात्र 186 कैरेट ही रह गया। उसके बाद 1739 में फारस के शाह नादिर ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया और कत्लेआम करने लगे। इस कत्लेआम को रोकने के लिए मुहम्मद शाह ने शाह नादिर को कई जवाहरात दिए जिसमें से एक कोहिनूर हीरा भी था।

रानी को प्रसन्न करने के लिए दे दिया हीरा

उसके बाद बारी आती है अंग्रेजों की। सिखों को हराने के बाद कोहिनूर ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथ लग गया। उसके बाद भारत के वायसराय डलहौजी ने कोहिनूर को अपनी आसतीन में सिलवा लिया और अपने साथ लंदन ले गया। लंदन जाने के बाद उसने हीरा ईस्ट इंडिया कंपनी के डायरेक्टरों को दे दिया। कंपनी ने देखा कि हीरा बेशकीमती है और इसका कोई उपयोग भी नहीं है। उसके बाद यह रानी विक्टोरिया को दे दिया गया।

बीबीसी में प्रकाशित लेख के अनुसार 29 मार्च 1849 में ही कोहीनूर हीरा रानी विक्टोरिया को भेंट कर दिया गया। उसके बाद से ही कोहिनूर रानी के ताज में जड़ा हुआ है। कहा जाता है कि बाबर ने कोहिनूर के बारे में कहा था कि जिसके हाथ में हीरा होगा उसके हाथ में ही सबसे अधिक ताकत होगी। रानी विक्टोरिया के पास जब हीरा था तब दुनिया की सबसे अधिक ताकत भी उन्ही हाथों में थी।