भारत में कौन सी दवा सबसे ज्यादा बिक रही है जानते हैं, आप जो सोच रहे हैं वो नहीं है

नई दिल्ली: क्या आपको पता है कि भारत में मौजूदा समय में सबसे ज्यादा कौन सी दवा बिक रही है। आपके दिमाग में कुछ नाम आ रहे होंगे, लेकिन आप जिन दवाओं के नाम सोच रहे हैं ये वो नहीं है। आप जानकर चौंक जाएंगे कि इनफर्टिलिटी (Infertility) और स्त्रियों के मासिक धर्म संबंधी दिक्कतों के इलाज में दी जाने वाली गाइनेकोलॉजी पिल (Gynaecology Pill) आने वाले वर्षों में घरेलू फार्मा रिटेल बाजार में सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं में से एक हो सकती है। मौजूदा समय में 80 करोड़ रुपये से ज्यादा इसकी हर महीने बिक्री हो रही है। इसके चलते ये मासिक बिक्री के मामले में 100 करोड़ रुपये के क्लब में शामिल हो सकती है।अभी तक इन दवाओं की होती थी ज्यादा बिक्री
अभी तक लंबे समय तक चलने वाली या पुरानी बीमारियों जैसे हाई ब्लडप्रेशर, डायबटीज और एंटीबायोटिक दवाएं बिक्री के मामले में आगे थी। लेकिन अब गाइनेक्लॉजी पिल, इनफर्टिलिटी और स्त्रियों के मासिक धर्म संबंधी दिक्कतों के इलाज में दी जाने वाली दवाओं की बिक्री इससे आगे निकल रही हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि स्त्री रोगों का बढ़ना एक गंभीर विषय है। अब देखने में आ रहा है कि मॉलेक्यूल डाइड्रोजेस्टेरोन की भी मांग काफी बढ़ गई है।

इस वजह से बढ़ रही इनफर्टिलिटी
डॉक्टरों के मुताबिक, ऑफिस के कामकाज, टेंशन और खानपान में लापरवाही के चलते अब इनफर्टिलिटी (Infertility) के मामले बढ़ रहे हैं। अब ये मामले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। ये चिंता का विषय है। अगर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में ये बीमारियां और बढ़ने वाली हैं।

साल 2020 के बाद आई तेजी
साल 2020 में मैनकाइंड ने पहली बार जेनेरिक के रूप में इस दवा को लॉन्च किया था। इसके बाद एमक्योर, अल्केम, टोरेंट और एरिस सहित कई अन्य कंपनियां भी इसे बनाने लगी।

तीन साल पहले तक इस दवा की बिक्री थी सबसे ज्यादा
टीओआई में छपी खबर के मुताबिक, तीन साल पहले तक एबॉट का ब्रांड डुप्स्टन एकमात्र दवा थी जो स्त्रियों की इनफर्टिलिटी, पीरियड्स में दर्द के इलाज के लिए दी जाती थी। इसी के चलते इसकी बिक्री सालाना 350 करोड़ रुपये के करीब थी। ये दवा नीदरलैंड में बनाई जाती थी। अब बाकी कंपनियों द्वारा भी ये दवा बनाए जाने के चलते इस मार्केट का विस्तार हुआ है। फाइनेंशियल ईयर 22 में डुप्स्टन को छोड़कर 50% ब्रांडेड जेनेरिक डाइड्रोजेस्टेरोन की बिक्री इस दो साल की समय सीमा में 250 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

दवा की उपलब्धता में हुआ सुधार
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, एरिस लाइफ साइंसेज के सीओओ और ईडी कृष्णकुमार वी ने कहा कि कई कंपनियों द्वारा डायड्रोजेस्टेरोन लॉन्च करने के साथ इस प्रोडक्ट की पहुंच और उपलब्धता में काफी सुधार हुआ है। अब लोग इसे आसानी से खरीद पा रहे हैं। इसकी बिक्री बढ़ी है। फाइनेंशियल ईयर 22 में नेचुरल प्रोजेस्टेरोन का बाजार करीब 700 करोड़ रुपये का था। वित्त वर्ष 22 में डायड्रोजेस्टेरोन के वॉल्यूम में 48% की बढ़ोतरी हुई है।