पाकिस्तानी खिलाड़ी अंपायर से भिड़ गए और इस गेंद को डेड बॉल घोषित करने की मांग करने लगे। वहीं, मैच के बाद पाक फैन्स ने चीटिंग का आरोप लगाया और नियम का हवाला दिया। हालांकि, नियम क्या कहते हैं, हम आपको इस बारे में बता रहे हैं…
विराट कोहली फ्री हिट पर क्लीन बोल्ड हुए थे
भारत और पाकिस्तान के बीच हाईवोल्टेज मुकाबले में वह सब देखने को मिला जो, लोग इस मैच से उम्मीद करते हैं। मेलबर्न में खेला गया यह मैच रोमांच और कंट्रोवर्सी से भरा रहा। हालांकि, आखिरी ओवर में मोहम्मद नवाज की गेंद पर विराट कोहली के छक्के ने भारतीय फैन्स को झूमने का मौका दे दिया। इससे भी ज्यादा खुशी तब हुई, जब अंपायर ने इस गेंद को बीमर (वेस्ट हाइट से ऊपर) के लिए नो बॉल करार दिया। इसके बाद तो पाकिस्तानी खिलाड़ी और कप्तान बाबर आजम खुद ऑन फील्ड अंपायर मरायस इरैस्मस और रोड टकर से भिड़ गए।
हालांकि, इरैस्मस ने बाद में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को समझाबुझाकर वापस भेजा। विवाद यहीं नहीं रुका। अगली गेंद यानी फ्री हिट पर कोहली क्लीन बोल्ड हो गए। गेंद विकेट में लगने के बाद थर्ड मैन के बाहर निकल गई। इस पर कोहली और दिनेश कार्तिक ने दौड़कर तीन रन ले लिए। अंपायर ने इस पर बाय के तीन रन दिए। यहां से पाकिस्तान की पकड़ से मैच छूट गया और टीम इंडिया ने मजबूत पकड़ बना ली। इसके बाद फिर पाकिस्तानी खिलाड़ी अंपायर से भिड़ गए और इस गेंद को डेड बॉल घोषित करने की मांग करने लगे। वहीं, मैच के बाद पाक फैन्स ने चीटिंग का आरोप लगाया और नियम का हवाला दिया। हम आपको इस मामले में नियम और तथ्य के आधार पर पूरी जानकारी दे रहे हैं…
विराट कोहली क्रीज में थे और गेंद कमर की हाइट से ऊपर थी – फोटो : सोशल मीडिया
नो बॉल कब दिया जाता है?
टीम इंडिया को आखिरी ओवर में 16 रन बनाने थे, जबकि सामने बाएं हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज थे। पहली गेंद पर हार्दिक पांड्या आउट हो गए। उन्हें बाबर आजम ने कैच आउट किया। आईसीसी के नए नियम के मुताबिक, अब कैच के दौरान स्ट्राइकर्स एंड बदल लेने के बावजूद बल्लेबाज का एंड नहीं बदलेगा। यानी कोहली दौड़कर दूसरी साइड पहुंच भी गए थे, लेकिन यह मान्य नहीं हुआ। कैच आउट होने पर नया बल्लेबाज ही स्ट्राइक लेगा। ऐसे में दिनेश कार्तिक ने स्ट्राइक लिया। दूसरी गेंद पर एक रन बना। तीसरी गेंद पर कोहली ने दो रन लिए। वहीं, चौथी गेंद जो की एक फुलटॉस थी, कोहली ने इस पर छक्का लगाया। इसके बाद वह अंपायर की तरफ देखकर नो बॉल की मांग करने लगे। अंपायर ने थोड़ी देर इंतजार किया और फिर नो बॉल का इशारा किया। अंपायर का मानना था कि गेंद कमर की हाइट से ऊपर थी। इसके बाद पाकिस्तानी फैन्स और खिलाड़ी नाराज हो गए। आइए देखते हैं इस तरह की गेंद के लिए नो बॉल के नियम क्या कहते हैं…
आईसीसी के नियमों के मुताबिक, जिस वक्त गेंद बल्ले या शरीर को पहली बार छुए (पॉइंट ऑफ कॉन्टैक्ट), उस वक्त गेंद की ऊंचाई कमर की ऊंचाई से ज्यादा होनी चाहिए। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि जिस वक्त कोहली के बल्ले से गेंद लगी उस वक्त उसकी ऊंचाई उनके कमर से ऊपर थी।
दूसरी बात यह ध्यान देने वाली होती है कि बैटर बॉल को खेलने के लिए क्रीज से निकलकर आगे न बढ़ा हो यानी की वह गेंद को खेलने के लिए आगे नहीं बढ़ा हो। तस्वीर में देखा जा सकता है कि कोहली का एक पैर क्रीज में था। वह स्टेप डाउन कर हिट करने की कोशिश नहीं कर रहे थे। यानी की यह गेंद नो बॉल नहीं थी।
अंपायर से भिड़ते बाबर और साथी खिलाड़ी
थर्ड अंपायर के पास क्यों नहीं गया फैसला?
पाकिस्तान के कई पूर्व दिग्गजों ने एक टीवी शो के दौरान कहा कि फील्ड अंपायरों को नो बॉल डिसाइड करने का फैसला थर्ड अंपायर पर छोड़ देना चाहिए था। वसीम अकरम और वकार यूनिस ने कहा कि वह गेंद नो बॉल थी या नहीं इसका फैसला टेक्नोलॉजी से होना चाहिए था और थर्ड अंपायर को रेफर किया जाना चाहिए था। हालांकि, नए नियम यह बताते हैं कि हाई फुलटॉस को तब तक थर्ड अंपायर को रेफर नहीं किया जाता, जब तक बैटर उस गेंद पर आउट न हुआ हो। अगर बल्लेबाज आउट हो चुका है तो फील्ड अंपायर थर्ड अंपायर से इसे चेक करने के लिए कहते हैं। कोहली के मामले में उन्होंने गेंद पर छक्का लगाया था। ऐसे में फील्ड अंपायर इसे रेफर नहीं कर सकते थे। उन्होंने ऑन फील्ड इस पर फैसला लिया।
कोहली बोल्ड हुए, लेकिन बॉल डेड क्यों नहीं हुई?
नो बॉल पर अंपायर ने फ्री हिट दिया। फ्री हिट में नवाज की गेंद पर कोहली क्लीन बोल्ड हो गए। इसके बाद गेंद थर्ड मैन की ओर निकल गई। तब तक कोहली और कार्तिक ने दौड़कर तीन रन ले लिए थे। इसके बाद खिलाड़ियों और फैन्स का कहना था कि इस बॉल को डेड घोषित किया जाना चाहिए था। इसमें रन कैसे मिले? दरअसल, नियम के मुताबिक, अगर सामान्य गेंद पर कोई बैटर बोल्ड हो तो गेंद विकेट पर लगते ही डेड हो जाती है। नो बॉल पर भी यही नियम है। हालांकि, जिस गेंद पर कोहली बोल्ड हुए वह न तो सामान्य गेंद थी और न ही नो बॉल। वह फ्री हिट पर बोल्ड हुए थे। आईसीसी के नियम 21.18 के मुताबिक, फ्री हिट पर रन आउट के अलावा बल्लेबाज किसी भी प्रकार से आउट नहीं हो सकता। साथ ही गेंद विकेट पर लगने के बावजूद डेड नहीं होती। इस पर दौड़कर भी रन लिए जा सकते हैं। अगर गेंद विकेट में लगने से पहले बल्ले पर लगती तो रन बल्लेबाज के खाते में आते। हालांकि, कोहली के केस में ऐसा नहीं था। गेंद सीधे विकेट पर जाकर लगी थी। इस वजह से अंपायर्स ने बाय का इशारा किया।
इसके बाद आखिरी दो गेंदों पर टीम इंडिया को जीत के लिए दो रन चाहिए थे। पांचवीं गेंद पर कार्तिक आउट हो गए। उनके आउट होने पर रविचंद्रन अश्विन बैटिंग के लिए आए। आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे। नवाज ने इसके बाद वाइड गेंद डाली, जिससे स्कोर लेवल हो गया। आखिरी गेंद पर एक रन लेकर अश्विन और कोहली ने टीम इंडिया को जीत दिलाई। कोहली 53 गेंदों पर 82 रन बनाकर नाबाद रहे। उनके अलावा हार्दिक पांड्या ने 37 गेंदों में 40 रन की पारी खेली। इसके अलावा पांड्या ने गेंदबाजी में भी तीन विकेट लिए। वहीं, अर्शदीप सिंह को भी तीन विकेट मिले। अब 27 अक्तूबर को टीम इंडिया का सामना नीदरलैंड से है।
साइमन टफेल ने अंपायर के फैसले को सही बताया
दुनिया के दिग्गज अंपायरों में शामिल साइमन टफेल ने भी ऑनफील्ड अंपायर के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा- रविवार को एमसीजी में भारत बनाम पाकिस्तान मैच के रोमांचक अंजाम के बाद मुझे कई लोगों ने बाय पर तीन रन को लेकर एक्स्प्लेन करने के लिए कहा है जो कोहली के फ्री हिट पर आउट होने के बाद भारत ने बनाए थे। टफेल ने अंपायरिंग से संन्यास ले लिया है।
टफेल ने लिखा- आईसीसी प्लेइंग कंडीशन आप सभी के सामने है। अंपायर ने बाय को लेकर इशारा करके सही निर्णय लिया। बल्लेबाजों ने गेंद के स्टंप से टकराने के बावजूद तीन रन भागे। एक फ्री हिट पर स्ट्राइकर कभी भी बोल्ड नहीं हो सकता। इसलिए गेंद स्टंप्स से टकराने पर डेड नहीं हो सकती। इसकी वजह यह है कि गेंद उसके बाद भी प्ले में है और इस तरह बाय को लेकर सभी नियमों दायरे के अंदर हैं।