Kota: टूटी पटरी को देख कर्मचारी ने लगाई 800 मीटर की दौड़, टला कोटा-सवाईमाधोपुर रेल खंड पर बड़ा हादसा

Broken Railway Track: मौसम में बदलाव के साथ ही रेल की पटरियां चटकने लगी हैं। कोटा-सवाईमाधोपुर रेलखंड पर रेलवे कर्मचारी की सजगता से एक बड़ा हादसा रविवार को टल गया है। ट्रेन को रोकने के लिए कर्मचारी ने 800 मीटर तक दौड़ लगाई है।

rail track broken
rail track broken- रेल ट्रैक टूटी

कोटा: मौसम में बदलाव हुआ है। आबो-हवा में ठंडक के घुलने से रेल की पटरियां (rajasthan news) चटकने लगी हैं। ऐसे में रेल दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ गई हैं। रविवार को राजस्थान में दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर बडा रेल हादसा टल गया। कोटा-सवाईमाधोपुर रेल खंड स्थित कापरेन और अरनेठा के बीच अचानक एक रेल पटरी टूट गई। घटना का पता चलते ही एक रेलकर्मी ने करीब 800 मीटर दौड़कर एक मालगाड़ी रुकवाई। मालगाड़ी के रुकते ही पीछे चल रही करीब आधा दर्जन गाड़ियां भी खड़ी हो गईं। बाद में पटरी की मरम्मत कर ट्रेनों को निकाला गया। इस दौरान करीब पौन घंटे तक कोटा-सवाई माधोपुर के बीच डाउनलाइन ठप रही।

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 8:30 बजे की है। ड्यूटी के दौरान चाबी वाले गजेंद्र सिंह शेखावत, पीयूष नाथ को रेल पटरी टूटी नजर आई। पटरी के नीचे लगी फिश प्लेट और स्लीपर भी टूटा हुआ था। यह देखकर दोनों चौंक गए। इस दौरान ट्रेन को भी हरा सिग्नल दे रखा था।

इस गंभीर मामले में कोई और रास्ता नजर नहीं आने पर शेखावत ने ट्रेन रोकने के लिए लाल झंडी दिखाते हुए दौड़ना शुरू कर दिया। लाल झंडी देखकर तेजी से दौड़ रही मालगाड़ी के चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को मौके पर ही खड़ा कर लिया। इस दौरान करीब 800 मीटर दौड़ता हुआ शेखावत ट्रेन के पास पहुंच गया।

इस दौरान ट्रेन रोकने के लिए पीयूष ने भी रेल पटरी पटाखे भी बांधे। ताकि ट्रेन की चपेट में आकर पटाखे फूटने की आवाज से चालक सतर्क हो जाए।

धीमी रफ्तार से निकाली ट्रेनें
सूचना मिलते ही रेल इंजीनियर और सुपरवाइजर भी मौके पर पहुंच गए। बाद में पटरी की अस्थाई मरम्मत कर ट्रेनों को करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकाला गया। बाद में ब्लॉक लेकर टूटी रेल पटरी के टुकड़े को बदला गया। इस घटना के चलते मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट, कोटा-आगरा फोर्ट, हावड़ा एक्सप्रेस, एक स्पेशल गाड़ी भी रास्ते में खड़ी हो गई थीं।
बड़ी घटना टली
सूत्रों ने बताया कि अगर समय रहते घटना का पता नहीं चलता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। कर्मचारियों की सतर्कता से चलते बड़ा हादसा टल गया। सूत्रों ने बताया कि देखकर लग रहा था कि यह पटरी काफी पहले ही टूट गई थी। संभवत इस पर से 3-4 ट्रेनें गुजर चुकी थीं लेकिन गनीमत रही कि कोई ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई। गौरतलब है कि इसी रेलखंड पर इस महीने एक मालगाड़ी भी पटरी से उतर गई थी।

11 दिन में दूसरी घटना
इस रेलखंड में 11 दिन में यह दूसरी घटना है। इससे पहले 13 अक्टूबर को कापरेन और घाट का बराना के बीच भी रेल पटरी टूट गई थी। इस दौरान भी चाबी वालों को यह टूटी पटरी नजर आई थी।