Krishi Vigyan Kendra Solan organized awareness camp under Jal Shakti Abhiyan

कृषि विज्ञान केंद्र सोलन ने जल शक्ति अभियान के अंतर्गत लगाया जागरूकता शिविर

जहां भी गिरे, जब भी गिरे, बारिश की बूंदे बचाइए’। इस नारे के साथ डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सोलन ने मनसार और कंडाघाट गाँव में जल शक्ति अभियान-2021 के तहत जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस अभियान के अंतर्गत किसानों को वर्षा जल एकत्रित करने के बारे में कई सुझाव दिये गए ताकि वर्षा जल हार्वेस्टिंग सिस्टम को सुचारू रूप से क्रियान्वित किया जा सके।

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सीमा ठाकुर ने किसानों को बताया कि वर्षा जल सहेजने हेतु जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है, जो 22 मार्च से 30 नवम्बर 2021 के बीच चलाया जाएगा। उन्होंने किसानों को बताया कि भूमंडल के 70 प्रतिशत जल में केवल एक प्रतिशत ही पीने योग्य है जिसका संरक्षण करना अति आवश्यक है। उन्होंने वर्षा जल के संग्रहण के लिए प्रयास करने का आवाहन किया। पुरानी बावड़ी और सुख चुके कुंओं को दुरुस्त करने का आग्रह किया ताकि बारिश के पानी को धरती की कोक में वापिस भेजा जा सके। इस अभियान में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ राजेश ठाकुर ने बताया कि जल, कुदरत की अनमोल देन है और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 21 प्रतिशत बीमारियाँ केवल दूषित जल पीने से होती है। उन्होंने बताया कि केवल 35 प्रतिशत लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। देश कि बहुत सी आबादी को पीने का पानी लाने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ जितेंद्र चौहान ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जल संरक्षण की कई तकनीक और कृषि के लिए कम लागत से बनने वाले टैंक के बारे में किसानों को समय समय पर जानकारी देते रहते है। डॉ चौहान ने जिले के किसानों से आग्रह किया की वह केंद्र के वैज्ञानिकों से अपनी कृषि संबंधी समस्याओं के निदान के लिए संपर्क करे।   

इस अवसर पर 15 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। सभी ने प्रतिज्ञाबद्ध हो कर जल संचयन करने क संकल्प लिया। इस मौके पर किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से जैविक उत्पाद भी वितरित किया गए। वैज्ञानिकों की टीम ने किसानों के खेतों का भी निरीक्षण किया और खेती में आने वाली समस्याओं का मौके पर निदान किया।