कांग्रेस से निष्कासन के बाद कुलदीप बिश्नोई अपने गृह जिले हिसार और पैतृक भूमि आदमपुर पहुंचे. इस दौरान वह कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे और उनकी भावनाओं को जानने की कोशिश की. कार्यकर्ताओं ने फैसला अब कुलदीप बिश्नोई पर ही छोड़ दिया है और कहा कि वह जो फैसला लेंगे मंजूर होगा. कुलदीप ने यह कहते हुए भारतीय जनता पार्टी में जाने के संकेत दिए हैं कि उनका वनवास जल्द खत्म होने वाला है. उनकी बातों से यह भी साफ होता है कि वह किसी छोटे-मोटे दल में नहीं बल्कि बड़े दल में ही जाएंगे.
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि वह दो दिन में फैसला ले लेंगे कि उन्हें कहां जाना है. वह दो दिन कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे, जो कार्यकर्ता दूर रहते हैं उनसे भी वह मिलकर राय लेंगे. वहीं उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब वह पुराने कुलदीप नहीं रहे जो कुछ करेंगे. कार्यकर्ताओं से पूछकर ही करेंगे और उनके बीच में रहेंगे. कुलदीप ने कहा कि कार्यकर्ताओं की तीन से चार पीढ़ियां उनके साथ रही हैं. वह उनके लिए अब कुछ करना चाहते हैं. उनका वनवास वह खत्म करेंगे.
पीठ टीकानी जरूरी थी
कुलदीप बिश्नोई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बगैर नाम लिए कहा कि कुछ लोगों को घमंड हो गया था. मुझे उनकी पीठ टीकानी थी. मैंने एक झटके में उनकी पीठ टीका दी. लास्ट बॉल पर मैंने धक्का मारा है. उन्होंने कहा कि या तो मुझे हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी बनाते खुशी हुई थी या फिर अब हुई है. कुलदीप ने कहा कि कांग्रेस ऐसे व्यक्ति से बाहर नहीं निकल पा रही है जो पार्टी की लुटिया डूबोने में लगा है.
दुष्यंत के ऑफर पर बोले- मैं छोटे-मोटी पार्टी में नहीं जाने वाला
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी हिसार में थे यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को जजपा में शामिल होने के लिए ऑफर दिया था. इसके बाद जब पत्रकारों ने कुलदीप बिश्नोई से जजपा में जाने की संभावनाओं की बात कही तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि वह छोटी-मोटी पार्टी में नहीं शामिल होंगे. वह बड़ी पार्टी में जाएंगे.