Kullu Dussehra: भव्य रथयात्रा के साथ दशहरा उत्सव के लिए रवाना हईं देवी हिडिंबा, सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल

Kullu Dussehra: भव्य रथयात्रा के साथ दशहरा उत्सव के लिए रवाना हईं देवी हिडिंबा, सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल

दशहरा उत्सव के लिए रवाना हईं देवी हिडिंबा

देवी-देवताओं का महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव 5 से 11 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। उत्सव में लोगों के लिए देवताओं के दर्शन के साथ मनोरंजन का भी पूरा प्रबंध किया गया है। इस बार उत्सव में जहां रथयात्रा के पीएम मोदी साक्षी बनेंगे। वहीं राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर लालचंद प्रार्थी कलाकेंद्र में सांस्कृतिक संध्या का विधिवत शुभारंभ करेंगे। 11 अक्तूबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उत्सव का समापन करेंगे।

दशहरा उत्सव की शोभा में कुल्लू घाटी के देवी-देवता बढ़ाएंगे। दशहरा उत्सव कमेटी की ओर से जिला भर के 332 देवताओं को दशहरा में आने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। दशहरा में इस बार पिछली बार से अधिक देवताओं के आने की उम्मीद है। दशहरा में लोगों के मनोरंजन के लिए कलाकेंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।  दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए  कुल्लू राज परिवार की दादी देवी हिडिंबा मंगलवार को मंगलवार सुबह रवाना हुईं।

दशहरा उत्सव के लिए रवाना हईं देवी हिडिंबा
ढुंगरी स्थित हिडिंबा मंदिर से देवी की भव्य रथयात्रा निकली गई। इसमें सैकड़ों की संख्या में कारकून, हारियान और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। ढोल-नगाड़ों, नरसिंगा, करनाल की मधुर देव ध्वनि से पर्यटन नगरी मनाली का माहौल भक्तिमय हो गया।

देवी हिडिंबा।
रथ में विराजमान देवी हिडिंबा और महर्षि मनु जहां से गए, वहां दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लग गईं। सात दिनों तक देवी हिडिंबा कुल्लू के ढालपुर स्थित अस्थायी शिविर में रहेगी। लंका दहन के बाद देवी देवालय के लिए वापस आएगी। दशहरा उत्सव में देवी हिडिंबा का भाग लेना अनिवार्य माना जाता है।
दशहरा उत्सव के लिए रवाना हईं देवी हिडिंबा
मान्यता है कि उनकी उपस्थिति के बिना दशहरा उत्सव नहीं होता। हर वर्ष उत्सव में भाग लेने से पहले देवी हिडिंबा के मंदिर में तीन दिन तक हवन भी किया जाता है।  हिडिंबा मंदिर से मनाली के मालरोड होते हुए देर शाम कुल्लू के रामशिला पहुंचेगी। इस दौरान जगह-जगह देवी का भव्य स्वागत किया जाएगा।

देवता शंचूल महादेव

देवता शंचूल महादेव दशहरे के लिए रवाना  
उपमंडल बंजार की सराज घाटी के गढ़पति देवता शंचूल महादेव सैकड़ों हारियानों के साथ कुल्लू दशहरे के लिए रवाना हो गए हैं।  ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवता ने देवालय से प्रस्थान किया। देवता शंचूल महादेव 100 किलोमीटर पैदल यात्रा कर तीन दिन बाद कुल्लू पहुंचेंगे। ढालपुर पहुंचने के बाद देवता सबसे पहले भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। इसके बाद अस्थायी शिविर में विराजमान होंगे। इसके साथ ही सुबह व शाम को देवता की विशेष पूजा व आरती भी देववाद्ययंत्रों की धुनों पर की जाएगी। देवता का कुल्लू पहुंचने से पहले जगह-जगह भव्य स्वागत किया जाएगा। शंचूल महादेव के मेहता धनी राम चौहान ने कहा कि अस्थायी शिविर में सात दिनों तक श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे।