Lalu Yadav-Nitish Kumar: बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लालू यादव की भूमिका अहम हो गई है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है नीतीश कुमार दिल्ली जाते हैं तो आरजेडी सु्प्रीमो से मिलते हैं, और वापस लौटते हैं तो सबसे पहले राबड़ी आवास जाकर मुलाकात करते हैं।
पटना: लगभग एक साल पहले भोजपुरी के ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव ( Khesari Lal Yadav ) का एक गाना आया था। गाने के बोल थे ‘लालू बिना चालू ई बिहार ना होई’। तब कहा जा रहा था कि उस वक्त विधान परिषद के चुनाव लड़ रहे अनिल सम्राट के लिए भोजपुरी गायक ने यह गाना गाया था। लेकिन इस गाने की प्रासंगिकता आज भी है। अगर ऐसा नहीं होता तो महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) बार-बार लालू यादव ( Lalu Yadav ) के पास नहीं जाते। बिहार में महागठबंधन की सरकार बने एक महीने हो गए। इस एक महीने में नीतीश कुमार, लालू यादव के पास 4 बार गए। मिले और सियासी रणनीति पर चर्चा की।
बीजेपी विरोध के सबसे बड़े चेहरे हैं लालू
एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। नीतीश ने पटना-दिल्ली एक कर दिया है। बावजूद इसके एक बात तो साफ है कि विपक्ष को एकजुट करने में लालू यादव की भूमिका अहम हो गई है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार 22 दिन में चार बार लालू यादव से मिल चुके हैं। यही नहीं, दिल्ली जाने से पहले और लौटने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने लालू यादव से मुलाकात की और आगे की रणनीति पर चर्चा की।