लालू यादव की बेटी किडनी दान कर पिता को देंगी नई ज़िंदगी, अंगदान में महिलाएं हैं पुरुषों से आगे

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स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव को डॉक्टर्स ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी है. उनकी मदद के लिए लालू की बेटी रोहिणी किडनी देने के लिए आगे आई हैं. रोहिणी के इस फैसले की तारीफ हो रही है. लोग इसे एक राजनीतिक नजरिए से हटकर पिता-पुत्री के स्नेह और मानवीय नजरिए से देख रहे हैं.

बेटी रोहिणी करेगी पिता लालू को किडनी दान

74 वर्षीय लालू प्रसाद यादव पिछले महीने इलाज के लिए सिंगापुर गए थे. इस दौरान सिंगापुर में ही रहने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य उनके साथ परछाई बनकर रहीं. अब उन्होंने फैसला लिया है कि वह किडनी दान कर अपने पिता को एक नई जिंदगी देंगी. इसके लिए उन्होंने अपने ब्लड सैंपल को पिता लालू प्रसाद यादव के ब्लड ग्रुप से मैच भी करा लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस महीने के आखिर या दिसंबर में ट्रांसप्लांट हो सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब रोहिणी को इस बात की खबर हुई कि डॉक्टर्स ने उनके पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी है तो उन्होंने तुरंत डॉक्टर्स से बात की और अपनी किडनी दान करने का फैसला कर लिया. बताया जा रहा है रोहिणी बिना किसी दबाव या हिचक के अपने पिता को नया जीवन देने का फैसला किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लालू प्रसाद यादव और रोहिणी आचार्य यादव का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव है. यही वजह है कि रोहिणी आचार्य किडनी दान करने को तैयार हुई हैं. बता दें किरोहिणी खुद भी एक डॉक्टर हैं. उन्होंने जब डॉक्टरों को अपनी इच्छा बताई तो उनका ब्लड ग्रुप उनके पिता से मैच कराया गया. दोनों का ब्लड ग्रुप समान होने के कारण डॉक्टर्स ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए रोहिणी को परफ्केट कैंडिडेट माना है.

नहीं मान रहे थे लालू

बताया जा रहा है कि, रोहिणी के इस फैसले से लालू प्रसाद यादव सहमत नहीं थे. लेकिन डॉक्टर्स और रोहिणी आचार्या के बहुत समझाने के बाद उन्हें इसके लिए हामी भरनी पड़ी. उन्हें बताया गया कि परिवार के सदस्यों की किडनी लेने पर सफलता की दर ज्यादा रहती है.

अंगदान में महिलाएं हैं आगे

बीते समय में हमने कई ऐसे उदाहरण देखे हैं जब महिलाओं ने अपने परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए अंग दान किये हैं. भास्कर की एक रिपोर्ट में एक रिसर्च के हवाले से यह बताया गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अंगदान करने में आगे होती हैं. नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, पिछले 20 सालों में भारत में अंगदान करने वालों में 78 से 80% महिलाएं हैं.

केवल भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका और स्विट्जरलैंड में अंगदान में महिलाएं ही आगे हैं. अमेरिका में अंगदान करने वाली 60% महिलाएं हैं. वहीं स्विटजरलैंड में 631 किडनी ट्रांसप्लांट में से 22% महिलाओं ने अपने पुरुष साथियों को अंग दिए जबकि कुल पुरुषों की तादाद महज 8% थी.