भूमि अधिग्रहण प्रभावित संघर्ष समिति ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग के निर्माण में भेदभाव का लगाया आरोप

भूमि अधिग्रहण प्रभावित संघर्ष समिति ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग के निर्माण में भेदभाव का लगाया आरोप

भूमि अधिग्रहण प्रभावित संघर्ष समिति और हिमाचल किसान सभा ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग जालंधर-मंडी के लिए अधिगृहित की गई भूमि और भवनों के प्रभावितों को आ रही समस्याओं को लेकर आज सरकाघाट में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।जिसका नेतृत्व पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्ण चन्द पराशर व अमृत लाल तथा हिमाचल किसान सभा के दिनेश काकू ने किया ।भूपेंद्र सिंह और पूर्ण चन्द ने कहा कि भूमि और भवनों का मुआवजा़ सरकार द्वारा प्रभावितों को एक समान और न्याय संगत आधार पर नहीं दिया जा रहा है।कई जगहों पर प्रभावशाली लोगों को फ़ायदा पहुंचाया जा रहा है।

वहीं हिमाचल सरकार कौडि़यों के भाव लोगों की ज़मीन व मकान अधिग्रहित कर रही है उससे स्पस्ट है कि सरकार प्रभावितों के सवैंधानिक व मानवाधिकार का उल्लंघन कर रही है। सरकार भूमि के रेट अपनी मनमर्ज़ी से तय कर रही है जबकि उच्चतम न्यायलय ने यह स्पस्ट निर्देश दिए हुए हैं कि समाहर्ता द्वारा निर्धारित भूमि का सर्कल रेट मुआवजा़ राशी के निर्धारण का आधार नहीं माना जा सकता है। क्योंकि सर्कल रेट भूमि के क्रय -विक्रय करने हेतू न्युनतम स्टैम्प डयूटी बसूल करने के लिए निर्धारित किए जाते हैं। लेकिन हिमाचल सरकार ने सर्कल रेट पहले जानबूझ कर कम किए व बाद में उन्ही सर्कल रेट के आधार पर प्रभावितों को भूमि का मुआवजा़ दे डाला।

जिससे राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण को करोंडो़ रूपए का फायदा हुआ व लोगों को अरबों रूपए का नुकसान हुआ।एस डी एम को सौंपे माँगपत्र के माध्य्म से मांग की गई है कि अवहदेवी से सरकाघाट सड़क जिसे पूरी तरह से उखाड़ दिया है उसका निर्माण एक तरफ़ से आधा पहले किया जाए ताकि सड़क बहाल रह सके।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भूमि अधिग्रहण क़ानून 2013 के अनुसार चार गुना मुआवजा दिया जाए, वर्ष 2015 में सरकार द्वारा फैक्टर एक लागू करने की अधिसूचना रद्द की जाये और फैक्टर दो लागू किया जाये जिसका वादा भाजपा ने अपने घोषणापत्र में किया था।

सभी प्रभावितों को अक्ष ततिमा उपलब्ध करवाया जाए, अधिकृत भूमि की निशानदेही किसानों के सामने की जाये, सड़क निर्माण से क्षतिग्रस्त रास्तों, बाबड़ीयों और अन्य जलस्रोतों का पुनर्निर्माण किया जाए, सड़क निर्माण हेतु निर्धारित आकर से ज़्यादा ज़मीन न ली जाये और सड़क निर्माण एक समान तरीके से किया जाये तथा किसी प्रकार का भेदभाव न किया जाये।भवन मालिकों को भवन गिराने के लिए सहायता राशी उपलब्ध करवाई जाए और भवन गिराने के मैटेरियल को फैंकने के लिए भी धनराशी और साईट उपलब्ध करवाई जाये।भवन का मुआवजा पूरा दिया जाये और किसी प्रकार का डेप्रिसिएशन न काटा जाये।अधिग्रहण से विस्थापित लोगोँ के पूनर्वास का प्रबन्ध किया जाये।

सरकाघाट खेल मैदान में निशानदेही के आधार पर सड़क निर्माण किया जाए।संघर्ष समिति ने एसडीएम को इन मांगों पर दस दिनों में कार्यवाई करने की मांग की है और यदि इस समयावधि में कोई कार्यवाई नहीं हुई तो 7 अक्टूबर को सरकाघाट में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।इस अवसर पर रूप लाल गारला, महेश कुमार, मिलखी राम, प्रकाश चन्द,ईश्वर दास, अजय कुमार, बासु देव, मोहनलाल, प्रेम सिंह, राजेश कुमार, ओमचन्द,हंस राज आदि मौजूद रहे।