सूबे में बीती रात हुई व्यापक बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं होने लगी हैं। ठियोग के पास भूस्खलन होने से शिमला-रामपुर नेशनल हाईवे-5 पर गुरुवार सुबह दो घण्टे तक यातायात पूरी तरह से ठप है। ठियोग से महज 200 मीटर की दूरी पर अचानक ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। ऐसे में सड़क का एक हिस्सा कट गया, जिस कारण लोगों को भी कई तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं और राजधानी से ऊपरी शिमला का सम्पर्क कटा रहा। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह हाइवे हिंदुस्तान-तिब्बत हाइवे के तौर पर जाना जाता है, जो जनजातीय जिला किन्नौर से होते हुए तिब्बत सीमा की ओर जाता है।
इस हाईवे के अवरुद्ध होने पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी तुरंत हरकत में आई और मशीनरी लगाकर हाईवे को दो घण्टे बाद एक तरफ के लिए बहाल किया। भूस्खलन की वजह से लंबे रूट की रामपुर व रोहड़ू बस फंसने से यात्रियों को अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा कोटखाई, जुब्बल, चौपाल, नेरवा, किन्नौर और नारकंडा जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी हुई। इससे स्कूली बच्चे, कामकाजी लोग व दफ्तर जाने वाले कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच पाए।
बता दें कि शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीती रात तेज़ बारिश हुई। कई जगह अंधड़ चलने से पेड़ धराशायी हुए और बिजली गुल रही। मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आया है। कांगड़ा में 54, ऊना में 46, नारकंडा में 43, सुंदरनगर में 42, जुब्बड़हट्टी में 40 और शिमला में 32 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।