दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे को बहाना पड़ रहा पसीना, भाजपा ने उतारा राजपूत प्रत्याशी

शिमला, 06 नवंबर: हिमाचल के विधानसभा चुनाव में शिमला (ग्रामीण) निर्वाचन क्षेत्र चर्चित हाॅट सीट बनी है। दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र व विधायक विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। यह हल्का 2012 में अस्तित्व में आया।

    शिमला (ग्रामीण) में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह ने पहली ही दफा में रिकॉर्ड मत प्राप्त कर जीत का परचम लहराया था। उनके निधन के बाद पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करते हुए युवावस्था में पहली बार में ही चुनाव जीता। अब विक्रमादित्य दूसरी मर्तबा चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

   भाजपा ने डाॅ. प्रमोद शर्मा को टिकट नहीं दिया। बीजेपी ने संघ की पृष्टभूमि से जुड़े तेजतर्रार भाजपा कार्यकर्ता रवि कुमार मेहता को  मैदान में उतारा है। पिछली दफा भाजपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट दिया था। मगर इस बार भाजपा ने भी राजपूत बिरादरी से रवि कुमार मेहता को टिकट दिया है।

   ये बात खुलकर सामने आ रही है कि इस बार विक्रमादित्य सिंह को जीतने के लिए जोर लगाना पड़ रहा है। दिवंगत वीरभद्र सिंह नॉमिनेशन भरने के बाद चुनाव प्रचार में समूचे प्रदेश में निकल जाते थे लेकिन विक्रमादित्य सिंह को अपने चुनाव पर फोकस करना पड़ रहा हैं।

    विक्रमादित्य की बहन अपराजिता सिंह भी भाई के लिए चुनाव प्रचार में डटी हैं। विक्रमादित्य सिंह को शिमला (ग्रामीण) में ज्यादा समय देना पड़ रहा है। प्रमुख दलों के अलावा यहां से आप के प्रेम कुमार, बीएसपी के बलविंदर सिंह, राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के पूर्णदत्त व निर्दलीय प्रवीण कुमार  भी चुनावी मैदान में हैं। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे प्रचार की गति तेज हो रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस बार विक्रमादित्य के लिए राह आसान नहीं है। वहीं, दोनों दलों में बागी उम्मीदवार न होने के चलते मुकाबला आमने-सामने होने के आसार हैं।

 

यह रहा चुनावी इतिहास….
अस्तित्व में आने के बाद 2012 में यहां से दिवंगत वीरभद्र सिंह ने कुल 28,892 मत हासिल कर जीत हासिल की। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के ईश्वर रोहाल को मात्र 8,892 मत मिले। उन्होंने एक तरफा मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार को 20 हजार मतों से पराजित किया। निर्दलीय उम्मीदवार प्रेम चंद ठाकुर को 1171, हिमाचल लोकहित पार्टी के गौरव शर्मा को 745, हिमाचल स्वाभिमान पार्टी के कुशल राज को मात्र 491 मतों पर संतोष करना पड़ा।

वर्ष 2017 में विक्रमादित्य सिंह को पहली दफा में चुनावी मैदान में भाजपा के उम्मीदवार व पूर्व एचएएस (HAS) अधिकारी डाॅ. प्रमोद शर्मा ने कड़ी टक्कर दी। विक्रमादित्य सिंह को 28,275 मत मिले। वहीं, भाजपा के डाॅ. प्रमोद शर्मा ने 23,395 मत हासिल किए। विक्रमादित्य सिंह ने निकटतम मुकाबले में 4,860 मतों से विजय हासिल की। निर्दलीय एमडी शर्मा को 668 मत मिले। वहीं, स्वाभिमान पार्टी के कुशल राज को 325 व नोटा पर 420 लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया।

शिमला ग्रामीण के चुनावी आंकड़े….
2012 में अस्तित्व में आने के बाद वीरभद्र सिंह ने 71.47 प्रतिशत मत हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं, भाजपा उम्मीदवार ईश्वर रोहाल को मात्र 22 प्रतिशत मत मिले थे। निर्दलीय प्रेम ठाकुर को 2.9 प्रतिशत, हिमाचल लोकहित पार्टी के गौरव शर्मा को 1.84, हिमाचल स्वाभिमान पार्टी के कुशल राज को 1.21 व बसपा के रवि कुमार को 0.57 प्रतिशत मत हासिल हुए थे।

कुल 40,423 मत पड़े थे। 2017 में विक्रमादित्य सिंह ने 28,275 मत हासिल कर जीत दर्ज की थी। उन्हें 53.27 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। वहीं, भाजपा के डाॅ. प्रमोद शर्मा ने मुकाबले को नजदीकी बनाते हुए 44.07 प्रतिशत मत हासिल कर कांग्रेस को तगड़ी फाइट दी थी। 2012 की तुलना में 2017 में वीरभद्र सिंह के मैदान में न होने की वजह से कांग्रेस का ग्राफ 18.2 प्रतिशत गिर गया जबकि भाजपा के ग्राफ में सीधे ही 22 प्रतिशत का उछाल आ गया।

सबल व निर्बल पक्ष….
विक्रमादित्य सिंह के साथ पिता  विरासत है। 2012 से 2017 तक शिमला ( ग्रामीण) में कई विकास कार्य हुए हैं। इसके अलावा  भी विक्रमादित्य लोगों के दुख-सुख में हिस्सा लेते हैं। यही नहीं, युवाओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ है।

निर्बल पक्ष में उनके कारण भाजपा के सत्तारुढ शासनकाल में विकासात्मक गतिविधियां ठप होकर रह गई। वह अपने क्षेत्र की आवाज भी विधानसभा में कम उठाते हैं। उधर, भाजपा के नए उम्मीदवार रवि कुमार मेहता संघ से जुड़े हैं। शोघी बाजार के अलावा एनएच के साथ-साथ बसे गांवो में उनका अच्छा प्रभाव है। काफी ओजस्वी वक्ता हैं। मगर प्रमोद शर्मा को टिकट न मिलने से उन्हें ब्राह्मण समुदाय के वोटों का नुकसान उठाना पडेगा। मेहता थोड़े आक्रामक स्वभाव के चलते भी कई बार विवादों में रहते हैं।

एक अरब की संपत्ति के मालिक 33 साल के विक्रमादित्य सिंह

शिमला ग्रामीण से मौजूदा विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह उन धनकुबेरों में शामिल हैं, जिनकी संपत्ति एक अरब के पार है। छह बार सीएम रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह के सुपूत्र विक्रमादित्य सिंह को विरासत में अथाह संपत्ति मिली है। 33 वर्षीय विक्रमादित्य सिंह की चल एंव अचल संपत्ति के अरब से भी अधिक है।

नामांकन के दौरान चुनाव आयोग में जमा हलफनामे में विक्रमादित्य सिंह ने अपनी चल एवं अचल संपति 101 करोड़ रुपये दिखाई है। इसमें चल संपत्ति 10.97 करोड़ और अचल संपत्ति 90.33 करोड़ है। चल संपत्ति में विक्रमादित्य सिंह के पास दो लाख रुपये की नकदी, सेविंग के नाम पर एक दर्जन पालिसियां व बैंक अकाउंट में पैसे जमा हैं। इसके अलावा उन्होंने म्यूचुअल फंड में भारी निवेश किया है। विक्रमादित्य सिंह के पास तीन लग्जरी गाड़ियां हैं, जिनकी कीमत क्रमशः 30 लाख, 28 लाख और 5.20 लाख है। विक्रमादित्य सिंह के पास 29.30 लाख के जेवर हैं। इसके अलावा उनके पास मौजूद जिम, लैपटॉप और मोबाइल की कीमत 10 लाख रुपये है। अचल संपत्ति में विक्रमादित्य सिंह के नाम कृषि भूमि, गैर कृषि भूमि, व्यावसायिक और रिहायशी भवन हैं।

              हलफनामे के मुताबिक शिमला जिले में विक्रमादित्य सिंह के चार रिहायशी भवन हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। उनका सबसे चर्चित आवास शिमला शहर का हाली लाज है। 97907 स्क्वायर फीट में बने इस आवास का बाजारी मूल्य 34.90 करोड़ है। इसी तरह रामपुर स्थित पदम पैलेस की कीमत 30.52 करोड़ है और यह 174142 स्क्वेयर फीट में फैला है। इसके अलावा उनका अप्पर शिमला के डमराली में 2507 स्क्वायर फीट और सराहन में 4057 स्क्वायर फीट क्षेत्रफल में रिहायशी भवन है, जिनकी कीमत क्रमशः 25 लाख और 10 लाख है।

       विक्रमादित्य सिंह के पास शिमला और रामपुर में दो व्यवसायिक भवन भी हैं। रामपुर में 39,086 स्क्वायर फीट व्यवसायिक भवन की कीमत 7.53 करोड़ और शिमला शहर में 11371 स्क्वायर फीट व्यवसायिक भवन की कीमत 4.53 करोड़ है। सिंह पर 1.38 करोड़ की देनदारियां भी हैं। विक्रमादित्य सिंह की शैक्षणिक योग्यता पीजी है। उन्होंने अपनी जमा दो की पढ़ाई बिशप कॉटन स्कूल शिमला, बीए की पढ़ाई हंसराज कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी और एमए इतिहास की पढ़ाई स्टीफन कॉलेज दिल्ली से की है।

विक्रमादित्य सिंह के प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रवि मेहता की संपति 2.30 करोड़
शिमला ग्रामीण से विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ भाजपा ने रवि मेहता पर दांव खेला है। 50 वर्षीय रवि मेहता संगठन में रहे हैं। वह पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। हलफनामे में रवि मेहता ने अपनी चल एवं अचल संपत्ति 2.30 करोड़ दिखाई है। इसमें उनके परिवार की 17 लाख की चल व 2.13 करोड़ की अचल संपत्ति है। चल संपत्ति में उनके नाम नौ लाख और पत्नी के नाम आठ लाख की राशि है। उनके पास कृषि भूमि के अलावा गैर कृषि भूमि और कई रिहायशी भवन हैं। हालांकि उनके पास व्यावसायिक भवन नहीं है। रवि मेहता की शैक्षणिक योग्यता पीजी है। उन्होंने प्रदेश विवि से एमए इंग्लिश की डिग्री हासिल की है। रवि मेहता पर 23 लाख की देनदारियां हैं।