पाक PM शहबाज शरीफ ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान को गेहूं के आटे की कीमत कम कर अगले 24 घंटे के भीतर 10 किलो गेहूं के आटे की बोरी की कीमत घटाकर 400 रुपए नहीं की तो मैं अपने कपड़े बेच देंगे और लोगों को सस्ता आटा खुद उपलब्ध कराएंगे.
राजनेताओं के आपने कई बयान और अपने मातहतों को दी गई हिदायत सुनी और देखी होंगी. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (shahbaz sharif) ने मुख्यमंत्री को गेहूं के आटे की कीमत घटाने के लिए जो आदेश दिए हैं, उसे सुनकर आप लोटपोट हो जाएंगे. दरअसल, पाकिस्तान में इन दिनों महंगाई आसमान पर हैं. हालात ये है कि रोजमर्रा की जरूरी जीचें भी लोगों को मयस्सर नहीं हो रही है. इस बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान को गेहूं के आटे की कीमत कम करने का अल्टीमेटम दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर आपने अगले 24 घंटे के भीतर 10 किलो गेहूं के आटे की बोरी की कीमत घटाकर 400 रुपए नहीं की तो मैं अपने कपड़े बेच देंगे और लोगों को सस्ता आटा खुद उपलब्ध कराएंगे. ठाकारा स्टेडियम में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि मैं अपनी बात दोहराता हूं. मैं अपने कपड़े बेच दूंगा और लोगों को सबसे सस्ता गेहूं का आटा उपलब्ध कराऊंगा.
गौरतलब है कि पाकिस्तान में इन दिनों महंगाई सातवें आसमान पर है. आम लोग महंगाई से परेशान है. महंगाई से त्रस्त लोगों ने पिछले दिनों ताली और थाली बजाकर सड़कों पर प्रदर्शन कर चुकी है.
‘जिंदगी कुर्बान कर दूंगा, पाकिस्तान को विकसित बनाऊगा’
खबर के मुताबिक, रैली के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि मैं आपके सामने घोषणा करता हूं कि मैं अपना जीवन कुर्बान कर दूंगा, लेकिन इस देश को समृद्धि और विकास के रास्ते पर रखूंगा. वहीं, बलूचिस्तान चुनावों पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि लोगों ने उन पर विश्वास किया और उनके पक्ष में मतदान करने के लिए बाहर आए हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की जनसभा में सियासी गरमी की गूंज पीएम के संबोधन से भी सुनाई दी.
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इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर जमकर निशाना साधा. शहबाज शरीफ ने कहा कि देश को अब तक की सबसे ज्यादा महंगाई और बेरोजगारी का तोहफा इमरान सरकार ने दिया है. उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की निंदा करते हुए कहा कि वह पांच मिलियन घर और एक करोड़ नौकरियां देने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहे और देश को आर्थिक संकट में धकेल दिया.