Laxmi Ratan Shukla: अरुण लाल के अचानक इस्तीफे के बाद यह पद खाली था, लेकिन मंगलवार को लक्ष्मी रतन शुक्ला का नाम तय हो गया। भारतीय टीम से खेल चुके लक्ष्मी रतन शुक्ला बंगाल रणजी टीम के कप्तान भी रह चुके हैं।
सौराशीष लाहिड़ी टीम के सहायक कोच बने रहेंगे। कोच नियुक्त होने के बाद शुक्ला ने कहा, ‘यह नई तरह की चुनौती है और मैं खिलाड़ी के तौर पर जिस तरह से बंगाल के लिए योगदान देता था वैसे ही कोच के तौर पर भी दूंगा।
आखिरी बार जब बंगाल ने विजय हजारे ट्रॉफी जीती थी तब वह 2012 का साल था और जीत के हीरो थे लक्ष्मी रतन शुक्ला। सौरव गांगुली की अगुवाई वाली टीम ने कोच डब्ल्यूवी रमन के नेतृत्व में जोरदार खेल दिखाया था। इन एक दशकों में बंगाल कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाई। कोच अरुण लाल की अगुवाई में पिछली दो बार से खिताब के करीब जरूर पहुंचती थी, लेकिन जीत हासिल नहीं होती थी।
अब अरुण लाल के इस्तीफ के बाद लक्ष्मी रतन शुक्ला का कोच बनना और डब्ल्यूवी रमन का बैटिंग कंसल्टेंट के रूप में चुना जाना, नए बदलाव की ओर इशारा कर रहा है। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद पॉलिटिक्स जॉइन करने वाले लक्ष्मी रतन शुक्ला ममता बनर्जी की पिछली सरकार में खेल मंत्री थे। मगर चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह भारत के लिए तीन वनडे खेल चुके हैं। साथ ही आईपीएल में भी वो कोलकाता नाइटराइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद का भी हिस्सा थे।