बच्चों से सीखें दोस्ती: भूकंप से हिलने लगा स्कूल, बच्चों ने जान पर खेल कर बचाई दिव्यांग दोस्त की जान

सिर्फ दोस्त कह देने से अगर कोई दोस्त हो जाता, तो हर इंसान के पास हजारों दोस्त होते. लेकिन, दोस्ती सिर्फ दोस्त कहने से नहीं बल्कि निभाने से होती है. दोस्ती की इन तमाम बातों को सच साबित करता है ये वीडियो जो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 

दोस्ती की मिसाल बने बच्चे 

Students वीडियो में आप दोस्ती की एक ऐसी मिसाल देखेंगे जो हर किसी को प्रेरित करती है. इस वीडियो को ग्रीन बेल्ट एंड रोड इंस्टिट्यूट के प्रेसिडेंट @ErikSolheim ने हाल ही में सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इस भावुक वीडियो ने सबको हैरान कर दिया है. वीडियो में बच्चों ने जिस तरह से अपने एक दिव्यांग दोस्त की मदद की है वो एक दोस्ती की ही नहीं बल्कि इंसानियत के लिए मिसाल बन गई है. इन बच्चों ने अपने दोस्त के लिए अपनी खुद की जान खतरे में डाल दी. 

भूकंप से हिल गया स्कूल 

@ErikSolheim द्वारा शेयर किये गए इस वीडियो के कैप्शन में बताया गया है कि 20 मई को चीन के सिचुआं में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 4.8 थी. इस भूकंप में एक स्कूल पूरी तरह से हिल गया. भूकंप के समय की सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि भूकंप आने के बाद स्कूल के टीचर और छात्र क्लास के बाहर भागने लगते हैं. 

बच्चों ने बचाई दोस्त की जान 

इसी बीच एक क्लास के बच्चों की नजर अपने उस दोस्त पर पड़ती है जो व्हीलचेयर पर बैठा है और अपनी जान बचाने के लिए भाग भी नहीं सकता. ऐसी स्थिति में अधिकतर लोग पहले अपनी जान बचाने के बारे में सोचते हैं लेकिन इन छात्रों ने अपनी जान बचाने की बजाए पहले अपने क्लासमेट की जान बचाने के बारे में सोचा. इसके बाद सबही बच्चों ने उस दिव्यांग बच्चे को उसकी व्हीलचेयर के सहारे जल्द से जल्द क्लास से बाहर निकाला और अपने साथ स्कूल के बाहर खुली जगह पर ले गए.

 

 

इस वीडियो ने सोशल मीडिया का डील जीत लिया है. 35 हजार से ज्यादा व्यूज प्राप्त कर चुके इस वीडियो पर लोग डील खोल कर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी के साथ वीडियो को कई लोगों ने रीट्वीट भी किया है. एक यूजर ने इस वीडियो में लिखा है कि ‘क्लासमेट और दोस्तों में फर्क होता है. इस वीडियो में वो फर्क दिख रहा है, वो सब दोस्त थे.’ वहीं एक शख्स ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘यही है इंसानियत का असली चेहरा. इन बच्चों पर गर्व महसूस हो रहा है.