विद्यार्थियों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण लेने की फीस में 15 फीसदी की छूट मिलेगी। पांच दिन के प्रशिक्षण के 42,500 रुपये चुकाने होंगे। अन्य लोगों के लिए फीस 50,000 रुपये तय की गई है।
हिमाचल प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों, एनआईटी हमीरपुर और 50 डिग्री कॉलेजों के विद्यार्थी भी ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण ले सकेंगे। शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने इस बाबत राज्य सचिवालय में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी से करार किया है। जिला कांगड़ा के शाहपुर आईटीआई में खुले ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण मिलेगा।
इन संस्थानों के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण लेने की फीस में 15 फीसदी की छूट मिलेगी। पांच दिन के प्रशिक्षण के 42,500 रुपये चुकाने होंगे। अन्य लोगों के लिए फीस 50,000 रुपये तय की गई है। प्रदेश में अब लाइसेंस प्राप्त करने वाले ही ड्रोन उड़ा सकेंगे। शुक्रवार को प्रधान सचिव शिक्षा डॉ. रजनीश और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी के निदेशक कृष्नेंदु गुप्ता के बीच करार हस्ताक्षरित हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम का नोडल विभाग है।
प्रधान सचिव शिक्षा ने बताया कि ड्रोन के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने के लिए युवाओं के पास यह सुनहरा अवसर है। ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को लाइसेंस दिए जाएंगे। बीते दिनों कैबिनेट की ओर से मंजूर की गई ड्रोन नीति में इसका प्रावधान किया है। देश में सबसे पहले हिमाचल प्रदेश ने ड्रोन नीति तैयार की है। उन्होंने बताया कि शाहपुर आईटीआई से ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले दस विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त भी हो गए हैं। निजी कंपनियों ने इनका चयन किया है।
इन विश्वविद्यालयों के साथ हुआ करार
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला, सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी, तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर, बागवानी विश्वविद्यालय नौणी जिला सोलन, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन के साथ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी ने करार किया है।