अच्छी नौकरी छोड़ी, 20 हजार किमी की साइकिल यात्रा पर निकले, अब तक लगाए 4 हजार पौधे… पर्यावरण के लिए एक युवा की जिद

चनकुन कहते हैं कि दिन के अंत में मुझे बहुत सुकून मिलता है क्योंकि इस दौरान मैं इतने सारे लोगों से मुलाकात और बातचीत करने का मौका मिलता है। जिसका कोई मोल नहीं है। इसके साथ मुझे अपने देश की खूबसूरती भी देखने का मौका मिलता है। हिमाचल प्रदेश के रहने वाले चनकुन ने पंजाब जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड का भी भ्रमण किया है।

Chan Kun Cycle Expedition
चनकुन की देश व्यापी साइकिल यात्रा

मुंबई: नवी मुंबई के खारघर इलाके में रहने वाले चनकुन(39) ने पूरे देश में 20 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा अभियान की घोषणा की है। चनकुन एक साइक्लिस्ट और अल्ट्रा रनर हैं। चनकुन जलवायु परिवर्तन की वजह से आने वाले प्रभावों को लेकर यह देशव्यापी साइकिल यात्रा करने वाले हैं। कॉर्पोरेट कंपनी में अच्छी खासी कमाई वाली नौकरी को साल 2019 में उन्होंने सिर्फ इस वजह से छोड़ दिया था ताकि वह खुद को इस चुनौतीपूर्ण साइकिलिंग अभियान के लिए तैयार कर सकें। इस साइकिलिंग अभियान के पीछे चनकुन का मकसद यह है कि वह लोगों के बीच में पेड़ लगाने को लेकर जागरूकता फैला सकें। ताकि आने वाली नस्लों का भविष्य उज्ज्वल रहे और उन्हें ऑक्सिजन की कोई दिक्कत न हो। साथ ही लोगों में साइकिल चलाने के प्रति भी दिलचस्पी पैदा की जा सके। ताकि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग को रोका जा सके। साथ यह भी बताया जा सके कि साइकिल ट्रॉन्सपोर्ट का एक अच्छा माध्यम है। जिससे बढ़ते प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
चनकुन ने 28 अगस्त को राष्ट्रीय स्पोर्ट्स दिवस के मौके पर ऋषिकेश से इसकी अभियान की शुरुआत की थी। रविवार मुंबई पहुंचने के बाद वो पुणे होते हुए गोवा और फिर दक्षिण भारत की तरफ निकल जाएंगे। बीते दो महीनों में उन्होंने 6500 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली। अपनी यात्रा के दौरान वो पर्यावरणविद , कॉलेज स्टूडेंट नगर निगम अथॉरिटी के अधिकारियों से भी मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान वो लोगों को ट्री प्लांटेशन के लिए भी बोल रहे हैं।

खुद भी लगाते हैं पेड़
चनकुन ने बताया कि सायाल 2018 से अल्ट्रा मैराथन की तैयारी के दौरान मैंने नवी मुंबई की पहाड़ियों के पास पेड़ लगाने शुरू कर दिए थे। इसके बाद मेरे दोस्तों ने भी साथ दिया और इस तरह से हमने खारघर इलाके के पास तकरीबन 4 हजार पेड़ लगा दिए हैं। यहीं से मुझे इस साइकिलिंग अभियान को शुरू करने की प्रेरणा मिली।चनकुन ने बताया कि सीमित संसाधनों में मैंने यह यात्रा शुरू की थी। यात्रा के दौरान चनकुन नदी, तालाब और कुएं का पानी पीते हैं। सड़क के किनारे बने ढाबों पर खाना खाने से भी उनके काफी पैसों की बचत भी हो जाती है। चनकुन के दोस्त सुधीर पटेल कहते हैं कुन असंभव को संभव करने का माद्दा रखते हैं। चनकुन एकदिन में 150 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। उन्होंने 200 दिन में 20 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा पूरी करना चाहते हैं।