वैसे तो कहा जाता है कि कोई काम छोटा बड़ा नहीं होता लेकिन समाज में हर काम को लेकर स्तर तय कर दिया गया है. अगर कोई अपनी सरकारी नौकरी छोड़ बकरी पालना शुरू कर दे तो अधिकतर लोग उसके इस फैसले का सपोर्ट नहीं करेंगे. तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कुरुवादिपत्ती गांव के सतीश के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने जब तमिलनाडु पुलिस की नौकरी छोड़ बकरी पालन का काम शुरू किया तो सबने यही कहा कि उनका दिमाग खराब हो गया है. मगर आज वह बकरी पालन से साल में लाखों रुपये कमा रहे हैं.
पुलिस की नौकरी छोड़ शुरू किया बकरी पालन
बकरी पालन के लिए जब सतीश ने तमिलनाडु पुलिस की नौकरी छोड़ी तो गांव वालों और रिश्तेदारों ने उनके इस फैसले का बिल्कुल समर्थन नहीं किया. कुछ लोगों ने उन्हें पागल तक कहा. हर किसी का यही सोचना था कि अच्छी-भली सरकारी नौकरी छोड़कर भला कोई बकरी पालन जैसा छोटा काम क्यों करेगा. लेकिन, सतीश ने अपनी मेहनत और लगन से आज सबको जवाब दे दिया है. वो आज तमिलनाडु के सफल पशु पालकों में गिने जाते हैं.
क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानने वाले सतीश फल से ज्यादा कर्म को मानते हैं. इसी सोच के साथ सही प्रक्रिया को अपनाते हुए वो अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं. वो तीन एकड़ जमीन में खेती करते हैं. बकरियां पालने के साथ साथ सतीश बकरियों के लिए उगाया चारा बेचकर भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. बकरी पालन से हुई कमाई से ही उन्होंने अब अपना फिटनेस सेंटर भी खोल लिया है. इससे उनकी कमाई में इजाफा हो गया है.
बचपन से बनना चाहते थे पुलिस
सतीश ने बचपन से ही पुलिस फोर्स ज्वाइन करने का सपना देखा था. 2009 में उनका सपना तब पूरा हुआ जब वह तमिलनाडु पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए. उनकी पत्नी भी पुलिस विभाग में ही कार्यरत हैं. भले ही पुलिस में भर्ती होना उनका बचपन का सपना रहा हो लेकिन वह कुछ साल में ही इस नौकरी से ऊब गए.
सबसे पहले उन्होंने अपनी पत्नी को ही बताया कि वह नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करना चाहते हैं. पत्नी ने उनका सपोर्ट किया और उन्हें ऐसा करने की अनुमति दे दी. सतीश पहले से ही ये जानते ठे कि उनके माता-पिता को उनकी नौकरी छोड़ने का फैसला किसी सूरत में पसंद नहीं आएगा. इसलिए वे जब गांव गए तो उन्होंने अपने माता-पिता से झूठ बोलाते हुए कहा कि वह लंबी छुट्टी लेकर आए हैं.
तीन एकड़ जमीन पर शुरू किया काम
अपने तीन एकड़ के खेत में सतीश ने 150 बकरियों के साथ बकरी पालन की शुरुआत की. तीन एकड़ खेत में से दो एकड़ में वे बकरियों के लिए चारा उगाते हैं. 1 एकड़ में चावल लगाते हैं. उनके पास अपनी जरूरत से ज्यादा चारा पैदा होता है. फालतू चारे को दूसरे बकरी पालकों को बेचकर वे अच्छा पैसा कमाते हैं. बकरियों की सही देखभाल, सही चारा प्रबंधन और नए मार्केट खोजकर आज सतीश महीने में 1 लाख रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं
मिल गई सफलता
बकरी पालन का बिजनेस सही चलने के बाद सतीश ने पावर स्मैक नाम से तंजावुर में सबसे बड़ा फिटनेस सेंटर शुरू किया. वो सुबह 5 बजे जिम के लिए निकल जाते हैं. इसके बाद उनकी गाड़ी सीधे खेत में रुकती है. जहां वो अपना पूरा दिन वहीं बिताते हैं. सतीश का कहना है कि उन्होंने हर रोज पूरी मेहनत और लगन से काम किया है. साल 2027 तक वो अपना सोचा हुआ हर लक्ष्य हासिल कर लेंगे.