दवा बेचने के लिए डॉक्टर को रिश्वत देने वाली कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई, जानिए किस तरह की हो रही है तैयारी?

दवा कंपनियों के अनैतिक मार्केटिंग प्रैक्टिस पर काबू पाने के लिए यह समिति स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने बनाई है. इससे पहले कई ऐसी रिपोर्ट आई है जिसमें यह बताया गया है कि दवा कंपनियां अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए प्रमोशनल गतिविधियों पर जमकर रुपए खर्च कर रही हैं.

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दवा बेचने के लिए गिफ्ट देने वाली कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई

नई दिल्ली: अपनी दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए फार्मा कंपनियां डॉक्टरों को रिश्वत देती है. यह कई बार सीधे नकदी के तौर पर होता है तो कई बार विदेश ट्रिप या महंगे मोबाइल फोन या कंजूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के रूप में होता है. भारत सरकार ने अब उन दवा कंपनियों पर सख्ती करने के संकेत दिए हैं जो अनैतिक तरीके से अपनी दवा की मार्केटिंग करती हैं. भारत में उन फार्मा कंपनियों को अब कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. नीति आयोग के वी के पॉल के नेतृत्व में एक हाई लेवल समिति बनाई गई है जो नियामकीय फ्रेमवर्क की समीक्षा करेगी और फार्मा सेक्टर के मार्केटिंग प्रैक्टिस के मसले पर अपनी राय देगी.

दवा कंपनियों के अनैतिक मार्केटिंग प्रैक्टिस पर काबू पाने के लिए यह समिति स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने बनाई है. इससे पहले कहीं ऐसी रिपोर्ट आई है जिसमें यह बताया गया है कि दवा कंपनियां अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए प्रमोशनल गतिविधियों पर जमकर रुपए खर्च कर रही हैं.

इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने दवा कंपनियों के अनैतिक प्रमोशनल कैंपेन पर केंद्र सरकार को निर्देश जारी करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र सरकार को इस बारे में नोटिस जारी किया था. उन्होंने कहा था कि अनैतिक मार्केटिंग प्रैक्टिस के लिए फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसा जाना चाहिए. इस तरह की गतिविधियों पर फार्मा कंपनियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि दवा कंपनियों को मार्केटिंग कैंपेन में पारदर्शिता रखनी चाहिए और किसी भी ऐसे तरीके का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे अनैतिक मार्केटिंग प्रैक्टिस को बढ़ावा मिलता हो.

कुछ दिन पहले ही डोलो-650 के मेकर्स पर आरोप लगा था कि उन्होंने डॉक्टर्स को 1,000 करोड़ रुपये के गिफ्ट्स बांटे थे. मरीज के पर्चे में यह गोली लिखने के लिए ये गिफ्ट्स बांटे गए थे. डोलो गोली को बनाने वाली कंपनी का नाम माइक्रो लैब्स लिमिडेट (Micro Labs Ltd) है. आयकर विभाग ने पिछले महीने कंपनी के 9 राज्यों में 36 परिसरों पर छापेमारी की थी. कंपनी पर आरोप लगा कि उसने अपने उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर्स और मेडिकल प्रोफेशनल्स को 1,000 करोड़ रुपये के गिफ्ट बांटे.